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नेपाल में सियासी बवाल के बीच बीमार पत्नी का इलाज कराने आज भारत आएंगे प्रचंड

नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने निचले सदन को भंग करने का एलान किया था। जिसके बाद से सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की गई हैं।

Aditya Mishra
Published on: 4 Jan 2021 4:36 AM GMT
नेपाल में सियासी बवाल के बीच बीमार पत्नी का इलाज कराने  आज भारत आएंगे प्रचंड
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प्रचंड ने ओली के खिलाफ दूसरे दौर के प्रदर्शन को हरी झंडी दिखा दी है। कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचंड की अगुआई वाले धड़े ने एलान किया है कि वह अपने आंदोलन के दूसरे दौर को जारी रखेगा।

काठमांडू: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड अपनी बीमार पत्नी सीता दहल के इलाज के लिए आज मुंबई आएंगे। ये जानकारी नेपाल स्थित भारतीय दूतावास के सूत्रों से मिली है।

प्रचंड का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब नेपाल में सियासी कलह अपने चरम पर है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी दो धड़ों में बंट गई है।

एक धड़े का नेतृत्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली कर रहे हैं तो दूसरे की अगुआई पुष्प कमल दहल प्रचंड के हाथों में है। प्रचंड के धड़े ने पीएम ओली के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

Prachand नेपाल में सियासी बवाल के बीच बीमार पत्नी का इलाज कराने आज भारत आएंगे प्रचंड(फोटो: सोशल मीडिया)

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प्रचंड ने ओली के खिलाफ दूसरे दौर के प्रदर्शन को हरी झंडी दिखा दी है

यही नहीं, प्रचंड ने ओली के खिलाफ दूसरे दौर के प्रदर्शन को हरी झंडी दिखा दी है। कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचंड की अगुआई वाले धड़े ने एलान किया है कि वह अपने आंदोलन के दूसरे दौर को जारी रखेगा।

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेता हिमल शर्मा ने कहा कि आंदोलन की पूरी रणनीति बना ली गई है। वहीं, आम लोग भी ओली की मुखालफत में उतर आए हैं। काठमांडू में शुक्रवार को प्रदर्शनों में शामिल नेताओं ने संसद भंग करने के ओली के फैसले की जमकर आलोचना की।

Nepal राजशाही और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर नेपाल में हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन(फोटो:सोशल मीडिया)

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मान-मन्नौवल में जुटा चीन

गौरतलब है कि नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने निचले सदन को भंग करने का एलान किया था। जिसके बाद से सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की गई हैं।

वहीं, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दो धड़ों में बंटना चीन को भी अच्छा नहीं लग रहा है। बीते दिनों चीन ने कम्युनिस्ट पार्टी नेताओं का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा था लेकिन तमाम प्रयास के बावजूद वह दोनों धड़ों में समझौता कराने में असफल रहा है। यही वजह है कि दोनों धड़ों में सियासी खींचतान खत्म नहीं हो पा रही है।

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