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सब कुछ सुन रहा है गूगल असिस्टेंट

seema
Published on: 19 July 2019 1:34 PM IST
सब कुछ सुन रहा है गूगल असिस्टेंट
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सब कुछ सुन रहा है गूगल असिस्टेंट

वाशिंगटन: शायद आप नहीं जानते कि आपकी जेब में रखा स्मार्टफोन आपकी हर बात सुन रहा है और आपकी निजी बातों को अनजान लोगों तक पहुंचा रहा है। गूगल जैसी दिग्गज कंपनी ने खुद माना है कि वह लोगों की रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल करता है। आपने विज्ञापन देखे होंगे जिसमें दिखाया जाता है कि लोग गूगल और सिरी से पूछते हैं - आज मौसम कैसा है? अलेक्सा, अगला गाना चला दो, वगैरह। दरअसल, गूगल, सिरी और अलेक्सा में से कोई भी इंसान नहीं है लेकिन मशीनों से लोग वैसे ही बात करने लगे हैं जैसे वे परिवार के सदस्य हों। फर्क इतना ही है कि परिवार वाले आपकी बातों को सुन कर शायद कभी भूल भी जाएं लेकिन ये मशीनें उन्हें हमेशा याद रखेंगी।

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सिरी, अमेजन अलेक्सा, गूगल अस्टिेंट - ये सब वॉयस असिस्टेंट हैं। ये जब बाजार में आए तो 'मशीन बेस्ड लर्निंग' पर खूब चर्चा हुई। मकसद था मशीनों को कुछ इस तरह से विकसित करना कि वे खुद ही सीखती रहें। आवाज सुन सुन कर वे और स्मार्ट हो जाती हैं, अलग अलग लहजों को भी समझने लगती हैं। लेकिन हाल ही में लीक हुए कुछ टेप दिखाते हैं कि मशीनें आपकी बातों को खुद तक सीमित नहीं रखती हैं, बल्कि कोई और भी इन्हें सुन रहा होता है।

जब आप वॉयस असिस्टेंट से बात करते हैं, तब आपके आसपास बिलकुल सन्नाटा हो ये जरूरी नहीं है। जिस वक्त आप ओके गूगल कह रहे होते हैं तब पीछे शायद आपके बच्चे आपस में बातें कर रहे होते हैं, या फिर आपके दोस्त या परिवार के लोग किसी बहस में होते हैं। ये सारी बातचीत वॉयस असिस्टेंट के जरिए रिकॉर्ड हो जाती है।

बेल्जियम के एक न्यूज चैनल वीआरटी एनडब्ल्यूएस का दावा है कि उनके पास ऐसी एक हजार रिकॉर्डिंग्स पहुंची हैं। चैनल के अनुसार इनमें कई लोगों की निजी बातचीत है और इनमें लोगों के अकाउंट के जरिए उनकी पहचान भी बताई गई है। ये टेप सिर्फ मशीन के पास न रह कर कुछ लोगों को दी गई थीं ताकि वे बेहतर प्रोग्रामिंग में मदद कर सकें। इन लोगों को तकनीकी भाषा में 'कॉन्ट्रैक्टर' कहा जाता है।

गूगल का दावा है कि कॉन्ट्रैक्टरों को लोगों के अकाउंट की कोई जानकारी नहीं दी जाती है। गूगल का यह भी कहना है कि उन्हें सिर्फ वॉयस असिस्टेंट को दिए गए निर्देशों को ट्रांस्क्राइब करने को कहा जाता है, पीछे चल रही लोगों की बातचीत को नहीं। लेकिन चैनल के पास मौजूद रिकॉर्डिंग इस दावे को गलत साबित करती हैं।

कई बार तो लोगों की आवाज तब रिकॉर्ड हो गई जब असिस्टेंट को लगा कि उससे बात की जा रही है जबकि ऐसा था नहीं। यही वजह है कि इन रिकॉर्डिंग में पति पत्नी के झगड़े भी शामिल हैं। गूगल का यह भी कहना है कि जब लोग वॉयस असिस्टेंट या फिर उससे जुड़े एप इस्तेमाल करते हैं तो वे नियम और शर्तों को भी स्वीकारते हैं। इन शर्तों में आवाज रिकॉर्ड करने की बात भी कही गई है लेकिन साफ तौर पर नहीं। ठीक ऐसा ही एमेजन के अलेक्सा के साथ भी है।

इसके अलावा एक दिक्कत यह भी है कि जिस व्यक्ति का अकाउंट है, वह स्वीकृति सिर्फ अपने लिए दे रहा है, अपने आसपास के लोगों के लिए नहीं। खास कर बच्चों की आवाज की रिकॉर्डिंग की कहीं कोई अनुमति नहीं है। फिर भी गूगल के पास बच्चों की आवाज का डाटा जमा होता जा रहा है।

इससे बचने के लिए यूजर चाहें तो रिकॉर्डिंग फीचर को बंद भी कर सकते हैं लेकिन ऐसा करने पर वॉयस असिस्टेंट ठीक से काम नहीं कर पाता है। वह यूजर के सवालों के जवाब नहीं दे पाता है, लहजा बदलने पर शब्दों को समझ नहीं पाता है। मजबूरन यूजर इसे ऑन करके रखना ही बेहतर समझते हैं।



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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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