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चीन की हर्बल दवाओं से ठीक हुए कोरोना वायरस के मरीज

कोरोना वायरस का प्रकोप चीन से ही शुरू हुआ था। वुहान शहर में इतनी ज्यादा लाग संक्रमित हुए कि अस्थाई अस्पताल खोलने पड़े और इनमें तमाम ऐसे थे जो पारंपरिक चीनी..

Deepak Raj
Published on: 16 March 2020 1:31 PM GMT
चीन की हर्बल दवाओं से ठीक हुए कोरोना वायरस के मरीज
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नई दिल्ली। कोरोना वायरस का प्रकोप चीन से ही शुरू हुआ था। वुहान शहर में इतनी ज्यादा लाग संक्रमित हुए कि अस्थाई अस्पताल खोलने पड़े और इनमें तमाम ऐसे थे जो पारंपरिक चीनी चिकित्सा प्रणाली से इलाज करने वाले

डाक्टरों द्वारा चलाये जा रहे थे।

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ऐसे अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों को पश्चिमी दवाओं के अलावा जड़ी बूटियों वाली पारंपरिक चीनी औषधियां भी दी गयीं। जड़ी बूटियों से बने काढ़े को फेफड़े के लिए फायदेमंद बताया गया है। एक ओर जहाँ वैज्ञानिक कोरोना वायरस का इलाज और टीका ढूँढने की दौड़ में लगे हुए हैं वहीं चीन अपनी पारंपरिक औषधियों की ओर बढ़ता जा रहा है।

85 फीसदी को एंटी वायरल दवाओं के साथ साथ हर्बल औषधियां भी दी गयीं..

चीन के विज्ञान और टेक्नोलॉजी मंत्रालय के अनुसार फरवरी में कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीजों में से 85 फीसदी को एंटी वायरल दवाओं के साथ साथ हर्बल औषधियां भी दी गयीं। चीन के नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ़ ट्रेडिशनल चाईनीज़ मेडिसिन के उप-प्रमुख यू यान्होंग ने कहा है कि चीन कोरोना वायरस के इलाज का [‘चीनी समाधान’ और अनुभव बाकी दुनिया के संग शेयर करने को तैयार है।

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यू यान्होंग का कहना है कि पूरे शरीर का एडजस्टमेंट और इम्युनिटी बढ़ा कर पारंपरिक औषधियां मरीज में प्रतिरोधक क्षमता बढाने के साथ साथ बीमारी से जल्द रिकवर होने में मदद करती हैं। उनका दावा है कि पारंपरिक औषधियों ने बीते समय में सार्स वायरस से फ़ैली महामारी से लड़ने में काफी मदद की थी।

50 हजार से ज्यादा मरीज अस्पतालों से डिस्चार्ज किये जा चुके हैं

यू यान्होंग का कहना है कि कोरोना वायरस से ग्रसित 50 हजार से ज्यादा मरीज अस्पतालों से डिस्चार्ज किये जा चुके हैं। इनमें से अधिकांश ने पारंपरिक औषधियों का इस्तेमाल किया था। 102 मरीजों पर किये गए क्लिनिकल ट्रायल में पता चला कि जिन मरीजों पर पारंपरिक औषधियों का इस्तेमाल किया गया उनमें 33 फीसदी ज्यादा रिकवरी दर रही।

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