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मरे 800 श्रद्धालू: सड़कों पर पड़ी लोगों की लाशें, धर्म की रक्षा के लिए गंवाई अपनी जान
इथोपिया के एक बेहद पवित्र Ark of covenant(वाचा का सन्दूक) को बचाने के लिए करीब सैंकड़ों लोगों ने अपनी परवाह न करते हुए जान गंवा दी है। ये आर्क इथोपिया के तिगरे इलाके के सैंट मेरी चर्च में सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में सुरक्षित रहता है। बता दें, ये ईसाई धर्म में काफी पवित्र माना जाता है।
नई दिल्ली। इथोपिया में बहुत भयानक हादसा हो गया। यहां एक बेहद पवित्र Ark of covenant(पवित्र सन्दूक) को बचाने के लिए करीब सैंकड़ों लोगों ने अपनी परवाह न करते हुए जान गंवा दी है। ये आर्क इथोपिया के तिगरे इलाके के सैंट मेरी चर्च में सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में सुरक्षित रहता है। बता दें, ये ईसाई धर्म में काफी पवित्र माना जाता है। सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 800 लोगों को सेंट मैरी चर्च के आसपास मार गिराया गया है और कई दिनों तक सड़कों पर इन लोगों की लाशें पड़ी हुई थीं।
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कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी
Ark of covenant के बारे में गेटू माक नाम के एक यूनिवर्सिटी लेक्चरर ने यहां की भयानक स्थितियों पर बात की। इस बारे में उन्होंने कहा कि जब लोगों ने गन फायरिंग की आवाज सुननी शुरू की, तो वे चर्च की ओर भागे जिससे वे वहां उपस्थित पादरियों की सहायता कर सकें। जो इस पवित्र आर्क की रक्षा कर रहे थे और इसके चलते कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।
बता दें, ये घटना नवंबर महीने में हुई थी, लेकिन उस समय इथोपिया के प्रधानमंत्री एबे अहमद ने इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क की सेवाएं बंद कर दी थीं। जिसके बाद से इथोपिया का पूरी दुनिया से कनेक्शन टूट गया था, हालाकिं अब इंटरनेट के मामले में वहां स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।
यूनिवर्सिटी लेक्चरर गेटू माक का कहना था कि लोगों में नवंबर के महीने में इस इलाके में तनाव बढ़ने के साथ ही डर बढ़ने लगा था कि इस पवित्र संदूक को किसी दूसरे शहर ले जाया जाएगा या फिर इसे खत्म कर दिया जाएगा। इस पर उन्होंने कहा कि लुटेरों ने किसी तरह की दया नहीं दिखाई गई और उन्होंने ताबड़तोड़ गोलियां चला कर लोगों को मार गिराया।
फोटो-सोशल मीडिया
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राजनीति पर लंबे समय तक वर्चस्व
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री एबे अहमद के सत्ता में आने के पहले इथोपिया पर 27 साल तक तिगरे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने शासन किया था। हालाकिं इथोपिया के तिगरे क्षेत्र की आबादी पूरे देश की आबादी का करीब 6 फीसदी ही है, लेकिन उस इलाके की ताकतों का राष्ट्रीय राजनीति पर लंबे समय तक वर्चस्व रहा है।
लेकिन उनके शासनकाल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और मानवाधिकार हनन की घटनाएं हुईं थीं। वहीं इससे तिगरे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (टीपीएलएफ) की सरकार अलोकप्रिय हुई और साल 2018 में अहमद सत्ता में आए।
ऐसे में इथोपिया के प्रधानमंत्री अबिय अहमद ने तिगरे क्षेत्र में सेना के एक शिविर पर हमले के बाद इस क्षेत्र में सेना को एक्शन लेने का आदेश दिया था। वहीं पीएम के सेना को दिए आदेश के बाद तिगरे क्षेत्र की मुख्य राजनीतिक पार्टी ने वहां के बलों को सेना की उत्तरी कमांड चौकी पर कब्जा कर लेने का आदेश दिया था।
वहीं स्थानीय बलों ने वहां सेना के उपकरण हथिया लिए और वहां तैनात सैनिकों को बंदी बना लिया। जिसके चलते उसके बाद से ही इस क्षेत्र में गृहयुद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है और ऐसे में अब कोरोना काल के बाद हालात और ज्यादा खराब हो गए हैं।
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