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10 साल पहले पति की हो गई थी मौत, पत्नी ने अब ऐसे दिया 2 बच्चों को जन्म
चीन एवं यूएसए की तर्ज पर नई दिल्ली व मेरठ में भी क्रायोफ्रीजिंग तकनीक के प्रति नई पीढ़ी दिलचस्पी ले रही है। इसमें बेहद कम तापमान यानी -196 डिग्री पर स्पर्म या स्त्री के अंडाणु को फ्रीज करते हैं।
लखनऊ: सुनने में थोड़ा अटपटा लगेगा पर है सौ फीसदी सच।
ब्रिटेन की रहने वाली एक महिला ने अपने पति की मौत के दस साल बाद दो बच्चों को जन्म दिया है।
ये बच्चा उसके पति से ही बताया जा रहा है।
महिला ने खुद ही बताया है की आखिर पति की मौत के इतने लम्बे समय के बाद ये सब आखिर कैसे मुमकिन हुआ है।
ब्रिटेन के कॉर्नवाल से ताल्लुक रखने वाली एंजिलीन लेकी जेम्स के पति क्रिस की कैंसर की वजह से मौत हो गई थी।
उसने बताया कि मौत से पहले उनका स्पर्म जमा कर लिया गया था। आईवीएफ के जरिए महिला दो बार मां बनी।
एंजिलीन का कहना है कि वह और उनके पति ने हमेशा से अपना परिवार पूरा करने का सपना देखा था।
उन्होंने कहा कि निधन के बाद भी वे पिता बनना डिजर्व करते थे।
वे काफी केयरिंग, फनी और प्रोटेक्टिव थे। दोनों 5 बच्चों का सपना देखते थे।
पति के स्पर्म से 10 साल बाद सफलतापूर्वक बच्चे को जन्म देने की घटना को चमत्कार जैसा बताया जा रहा है।
एंजिलीन और क्रिस जेम्स ने 2007 में शादी की थी। क्रिस 2008 में 29 साल की उम्र में चल बसे थे।
एंजिलीन पति के स्पर्म से पहली बार 2013 में प्रेग्नेंट हुई थी।
पति के निधन के ठीक 5 साल बाद। वहीं, 2018 में उन्होंने दूसरे बच्चे को जन्म दिया।
पहला बच्चा लड़का हुआ, जबकि दूसरी बार बेटी हुई।
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मौत के बाद भी स्पर्म फ्रीजिंग से बच्चे पैदा करना मुमकिन
विज्ञान का वरदान..जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी।
चिकित्सा विज्ञान के गर्भ से निकली इस तकनीक से अब मौत के बाद भी व्यक्ति अपनी संतान पैदा कर सकता है।
स्पर्म फ्रीजिंग के जरिए दंपती जहां करियर सेटल करने के बाद ‘35-40 वर्ष’ में बच्चा पैदा करने की प्लान बना रहे हैं।
वहीं पति की मौत के बाद उसके जमा स्पर्म से पत्नी भी गर्भधारण कर सकती है।
लंबे समय के लिए विदेश जाने वाले लोग स्पर्म फ्रीज करवा रहे हैं।
इधर, कीमोथेरपी से बच्चा पैदा करने की क्षमता गंवा चुके कैंसरग्रस्त मरीज भी इस तकनीक से पिता बने हैं।
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196 डिग्री पर मंद पड़ जाता है स्पर्म
चीन एवं यूएसए की तर्ज पर नई दिल्ली व मेरठ में भी क्रायोफ्रीजिंग तकनीक के प्रति नई पीढ़ी दिलचस्पी ले रही है।
इसमें बेहद कम तापमान यानी -196 डिग्री पर स्पर्म या स्त्री के अंडाणु को फ्रीज करते हैं।
स्पर्म की एक्टींविटी बंद पड़ जाती है,पर जीवन बना रहता है।
स्पर्म या अंडों की कोशिकाओं का पानी तेजी से निकालना होता है।
इसे इतना तेजी से ठंडा करते हैं कि इस पर बर्फ का कण न जम पाए।
जब संतान पैद करने की इच्छा होती है तो चिकित्सक फ्रीज किए गए स्पर्म, अंडाणु या भ्रूण को सामान्य तापमान में लाकर महिला के गर्भ में रोपित करते हैं।
कैंसर के मरीज भी अब बन रहे बाप
कैंसर मरीजों में कीमो की दवाएं कोशिकाओं को बांटने वाले फैक्टर को नष्ट कर देती हैं, जिससे शुक्राणु मर जाते हैं। मरीज के टेस्टीज से स्पर्म निकालकर उसे फ्रीज कर लेते हैं। बाद में इन्हीं शुक्राणुओं के जरिए मरीज पिता बन सकता है।
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