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अगर भारत में लागू हो जाए फिनलैंड का ये नियम, तो होगी मौज ही मौज

उत्तरी यूरोप के फेनोस्केनेडियन क्षेत्र में स्थित फिनलैंड एक नॉर्डिक देश है। इसकी सीमा पश्चिम में स्वीडन, पूर्व में रूस और उत्तर में नॉर्वे स्थित है, जबकि फिनलैंड खाड़ी के पार दक्षिण में एस्टोनिया स्थित है।

Roshni Khan
Published on: 7 Jan 2020 3:10 PM IST
अगर भारत में लागू हो जाए फिनलैंड का ये नियम, तो होगी मौज ही मौज
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लखनऊ: उत्तरी यूरोप के फेनोस्केनेडियन क्षेत्र में स्थित फिनलैंड एक नॉर्डिक देश है। इसकी सीमा पश्चिम में स्वीडन, पूर्व में रूस और उत्तर में नॉर्वे स्थित है, जबकि फिनलैंड खाड़ी के पार दक्षिण में एस्टोनिया स्थित है। फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी है। यहां पर लुथेरन धर्म के लोग रहते हैं।

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करीबन 53 लाख की आबादी वाले इस देश के ज्यादातर लोग दक्षिणी क्षेत्र में रहते हैं। इस देश का क्षेत्रफल कुल 338,424 वर्ग किलोमीटर (64 वां) 130,596 वर्ग मील पर है। इस देश के क्षेत्रफल के हिसाब से यह यूरोप का आठवां सबसे बड़ा और जनघनत्व के आधार पर यूरोपीय संघ में सबसे कम आबादी वाला देश हैं। यहां की मातृभाषा फ़िनिश है, देश की 5.5 प्रतिशत आबादी की मातृभाषा स्वीडिश है। यहां की साल 2018 तक जनगणना 5,522,858 थी। देश में मुद्रा यूरो (€)² (EUR) का इस्तेमाल किया जाता है।

फिनलैंड ऐतिहासिक रूप से स्वीडन का एक हिस्सा था और 1809 से रूसी साम्राज्य के अंदर एक स्वायत्त ग्रैंड डची था। रूस से गृहयुद्ध के बाद 1917 में फ़िनलैंड ने स्वतंत्रता की घोषणा कर दी थी। फिनलैंड 1955 में संयुक्त राष्ट्र संघ में, 1969 में ओईसीडी और 1995 में यूरोपीय संघ और यूरोजोन में शामिल हुआ। एक सर्वे में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संकेतकों के आधार पर फिनलैंड को दुनिया का दूसरा सबसे अधिक स्थिर देश करार दिया गया है।

मौसम

यहां का मौसम बहत ही खूबसूरत और सुहावना है। गर्मियों के टाइम रात बा‍रह बजे के बाद कुछ अंधेरा होता है इसके प‍हले दस बजे के आस-पास तो ऐसा लगता है कि जैसे अभी-अभी शाम हुई हैं। वहीं ठंड के टाइम दिन में अंधेरा होता है दोपहर में कुछ समय के लिए सूरज के दर्शन हो पाते है।

पीएम सना मरीन ने एक नया कानून पेश किया है

पीएम सना मरीन ने एक ऐसा कानून पेश किया है, जिसके बाद अब देश के लोगों को हफ्ते में केवल 4 दिन 6 घंटों के लिए काम करना पड़ेगा। साथ ही लोगों को 3 दिन की छुट्टी मिलेगी।डेली मेल के मुताबिक सना ने कहा,''मुझे लगता है कि लोगों को अपने परिवार, चाहने वालों और अपने शौक या जिंदगी के अन्य मानकों, जैसे सांस्कृति के लिए अधिक वक्त मिलना चाहिए। यह हमारी कामकाजी जिंदगी का अगला कदम हो सकता है''। पीएम सना के इस फैसले का सभी ने स्वागत किया। इस प्रस्ताव का वामपंथी गठबंधन ने समर्थन किया। आपको बता दें कि इससे पहले फिनलैंड का पड़ोसी मुल्क स्वीडन एक कानून बना चुका है।

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ऐसे में अब एक सवाल ये आता है कि भारत में भी क्या ये संभव है?

भारत एक ऐसा देश है जिसमें युवाओं की आबादी काफी है, लेकिन अगर आप सोचें की यहां पर भी फिनलैंड जैसा रूल हो जाए। तो कहना ये सही नहीं होगा क्योंकि यहां की आबादी बहुत है और उस हिसाब से ही उनकी सैलरी है। यहां की जनसंख्या भी फिनलैंड के मुताबिक कई गुना अधिक है। ऐसे में भारत में ये कानून लाना बहुत मुश्किल है।



Roshni Khan

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