TRENDING TAGS :
ये वायरस फैला तो मचेगी तबाही, कोरोना के बाद इस संक्रमण से हो जाएं सावधान
रूस के स्वास्थ्य निगरानी विभाग के प्रमुख अन्ना पोपोवा ने कहा कि इसके वैज्ञानिकों ने लैब में एक पोल्ट्री फार्म के सात कर्मचारियों से स्ट्रेन का जेनेटिक मैटिरियल आइसोलेट किया है।
नई दिल्ली: कोरोना महामारी से लड़ रही दुनिया के सामने अब नई चिंता खड़ी हो गयी है। ये चिंता है बर्ड फ्लू की। पहली बार बर्ड फ्लू के ‘एच5एन8’ स्ट्रेन का इंसानों में ट्रांसमिशन पाया गया है। ये केस मिला है रूस में। रूसी वैज्ञानिकों ने बर्ड फ्लू के नए स्ट्रेन का मानव तक में हुए ट्रांसमिशन का पता लगाया जिसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन को अलर्ट कर दिया गया है। बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लूएंजा या एवियन फ्लू भी कहा जाता है। बर्ड फ्लू फैलाने के लिए कई वायरस जिम्मेदार होते हैं। एच5एन8 को पक्षियों के लिए घातक माना जाता है। अभी से पहले इसके इंसानों में फैलने के मामले सामने नहीं आए थे।
ये भी पढ़ें:Health Tips : प्रसव के दौरान लापरवाही से रुक सकता है नवजात के जबड़े का विकास
बेहद खतरनाक
Bird flu (PC: social media)
बर्ड फ्लू का यह स्ट्रेन बेहद संक्रामक है और पक्षियों के लिए जानलेवा होता है, लेकिन यह पहले कभी इंसानों में नहीं फैला था। रूस के स्वास्थ्य निगरानी विभाग के प्रमुख अन्ना पोपोवा ने कहा कि इसके वैज्ञानिकों ने लैब में एक पोल्ट्री फार्म के सात कर्मचारियों से स्ट्रेन का जेनेटिक मैटिरियल आइसोलेट किया है। यहां दिसंबर में बर्ड फ्लू फैला था। अच्छी बात ये है कि फ़ार्म के कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं दिखा है। उनमें हल्के लक्षण पाए गए थे और रिकवर कर चुके हैं। पोपोवा ने कहा है कि ऐसे समय में इस म्यूटेशन की खोज अहम है। जब वायरस में अभी मानव से मानव संक्रमण की क्षमता नहीं आई है सो इससे हमें संभावित म्यूटेशन के खिलाफ तैयारी का समय मिल गया है।
एच5 वायरस से मानव संक्रमण दुर्लभ होते हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक एच5 वायरस से मानव संक्रमण दुर्लभ होते हैं और अक्सर उन लोगों में यह पाया जाता है जो बीमार या मरे हुए संक्रमित पक्षियों के संपर्क में रहते हैं। इससे इंसानों में भी गंभीर बीमारी या मौत हो सकती है। 2014 से नवंबर 2016 के बीच एवियन फ्लू एच5एन6 के 16 केस सामने आए हैं, जिनमें से 6 की मौत हो गई।
उसे नए संक्रमण की जानकारी है
डब्लूएचओ ने कहा है कि उसे नए संक्रमण की जानकारी है। संक्रमित पाए गए लोगों की सेहत ठीक है और यह दूसरे इंसानों तक नहीं फैल रहा है। अभी तक बर्ड फ्लू के सबटाइप जैसे एच5एन1, एच7एन9 और स्वाइन फ्लू के सबटाइप एच1एन1 से इंसानों के संक्रमित होने के मामले सामने आए थे। डब्लूएचओ का कहना है आमतौर पर लोग संक्रमित माहौल या पशु-पक्षियों के सीधे संपर्क में आने के बाद संक्रमित होते हैं। अभी तक एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक यह वायरस फैलने के सबूत नहीं मिले हैं। एच5एन1 काफी घातक स्ट्रेन माना जाता है और इससे संक्रमितों में मृत्यु दर 60 प्रतिशत होती है।
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि वायरस बहुत तेजी से फैलते हैं
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि वायरस बहुत तेजी से फैलते हैं। ऐसा हो सकता है कि रिपोर्ट हुए मामलों के अलावा अन्य जगहों पर भी लोग इससे संक्रमित हो चुके हों और यह किसी बड़े फैलाव की शुरुआत हो। वहीं कुछ जानकार यह भी मानते हैं अभी इससे चिंतित होने की जरूरत नहीं है। कोरोना वायरस ने दुनिया को कई सबक दिए हैं। अब संक्रमण रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
लक्षण और उपचार
इंसानों में बर्ड फ्लू मुख्य तौर पर उसके श्वसन तंत्र को निशाना बनाता है और इसके लक्षणों में बुखार, उल्टी, डायरिया, मांसपेशियों और पेट के निचले हिस्से में दर्द और सांस लेने में दिक्कत आदि शामिल हैं।
Bird flu (PC: social media)
ये भी पढ़ें:Newstrack: एक क्लिक में पढ़ें आज सुबह 10 बजे की देश और दुनिया की बड़ी खबरें
इसके अलावा इसमें निमोनिया या एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम के लक्षण भी देखे जाता हैं। बर्ड फ्लू के उपचार में एंटी-वायरल दवाएं दी जाती हैं और संक्रमण के दो दिन के अंदर इन्हें लेना बहुत जरूरी होता है।
रिपोर्ट- नीलमणि लाल
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।