×

भारत की बड़ी जीत: अमेरिका ने चीन-पाकिस्तान को लगाई फटकार, ये है वजह

अमेरिका ने पाकिस्‍तान और चीन में धार्मिक स्‍वतंत्रता के अतिक्रमण को लेकर गंभीर चिंता जताई है। इस सूची में चीन और पाकिस्‍तान के अलावा अन्‍य 8 देश और हैं, जहां धार्मिक स्‍वतंत्रता के अतिक्रमण पर सवाल उठते रहे।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 8 Dec 2020 5:10 AM GMT
भारत की बड़ी जीत: अमेरिका ने चीन-पाकिस्तान को लगाई फटकार, ये है वजह
X
धार्मिक आजादी को लेकर अमेरिका ने पाकिस्‍तान और चीन पर कसा शिकंजा, भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत

वाशिंगटन : भारत-चीन के सीमा विवाद को लेकर अमेरिका ने भी चीन पर शिंकजा कसा है। अमेरिका ने सोमवार को चीन के 14 वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया, जिनमें एक तिब्बती भी शामिल है। हांगकांग की स्‍वायत्‍तता पर बीजिंग के अधिकारियों पर लगाए गए प्रतिबंधों के साथ अमेरिका ने चीन और पाकिस्‍तान को धार्मिक स्‍वतंत्रता के मामले में भी घेरा है। अमेरिका ने पाकिस्‍तान और चीन में धार्मिक स्‍वतंत्रता के अतिक्रमण को लेकर गंभीर चिंता जताई है। इस सूची में चीन और पाकिस्‍तान के अलावा अन्‍य 8 देश और हैं, जहां धार्मिक स्‍वतंत्रता के अतिक्रमण पर सवाल उठते रहे।

मानवाधिकार हनन के मामले

बता दें कि इससे पहले अमेरिका ने चीन के मुस्लिम बहुल शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के मामले में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। चीन पर पहले से ही उइगुर मुसलमानों के उत्पीड़न को लेकर गंभीर आरोप लगते रहे हैं।

यह पढ़ें...दिव्या के निधन के बाद देवोलीना ने खोला उनके पति का राज, जान उड़ जाएंगे होश

ज्‍यादती और जुल्‍मों पर सवाल

खास बात यह है कि भारत लगातार पाकिस्‍तान में हिंदूओं पर हो रहे ज्‍यादती और जुल्‍मों पर सवाल उठता रहा है। इस लिहाज से यह भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। अमेरिका के इस कदम से भारत की यह बात सही साबित हुई है कि पाकिस्‍तान में हिंदु‍ओं का निरंतर उत्‍पीड़न और शोषण किया जाता है।

अंतरराष्‍ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इसमें चीन, पाकिस्‍तान, बर्मा, ईरान, नाइजीरिया, सऊदी अरब, ताजिकिस्‍तान, तुर्कमेनिस्‍तान और इरिट्रिया प्रमुख हैं। इस सूची में पांच एशियाई देश शामिल हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि दुनिया के 10 मुल्‍कों पर 1998 के अंतरराष्‍ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत सीपीसी के रूप में नामित किया गया है। इसके तहत उन देशों को शामिल किया गया है, जो अपने यहां धार्मिक स्‍वतंत्रता को लेकर उदासीन हैं ।

america-china

चीन में धार्मिक आजादी नहीं

पाकिस्तान में हर रोज अल्पसंख्यकों को दबाने का काम किया जा रहा है। कई बार पड़ोसी मुल्क से हिन्दू लड़कियों के अगवा होने, उनकी जबरन शादी कराने की खबरें सामने आती हैं। इसके अलावा भी पाकिस्तान में कई बार विदेशी मूल के लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है। भारत की ओर से कई बार कूटनीतिक तरीके से भी इन मसलों को उठाया गया है।

चीन उइगर मुसलमानों के साथ चीन किस तरह का बर्ताव कर रहा है ये किसी से छुपा नहीं है। चीन में मुस्लिमों को धार्मिक आजादी नहीं दी जा रही है और एक तरह से कैंप में बंद किया गया है जहां जबरन मजदूरी कराई जाती है अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने पहले भी इस मसले पर चीन को चेताया है।

यह पढ़ें...गोरखपुर में रैन बसेरा का बुरा हाल: बिस्तर में खटमल, खुले आसमान के नीचे सो रहे लोग

पोम्पिओ ने कहा कि 2016 के फ्रैंक आर वुल्फ इंटरनेशनल धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत इसके अतिरिक्‍त कुछ आतंकवादी संगठनों को भी शामिल किया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका दुनिया भर में धार्मिक आधार पर उत्‍पीड़न और उनके साथ दुर्व्‍यवहारों की घोर निंदा करता है। उन्‍होंने कहा कि दुनिया में इस भेदभाव के खिलाफ अमेरिका अपना अभियान जारी रखेगा।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story