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India-Canada Row: भारत की सख्ती से कनाडा घबराया, राजनयिक न निकालने की गुहार लगाई
India-Canada Row: पिछले महीने कनाडा के इस आरोप से दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए थे कि भारत ने कनाडा की धरती पर एक खालिस्तानी अलगाववादी नेता की हत्या में भूमिका निभाई थी।
India-Canada Row: कनाडा ने राजनयिक उथल-पुथल के मद्देनजर भारत के साथ तनाव कम करने की मांग की है और भारत सरकार से कनाडाई राजनयिकों के निष्कासन से परहेज करने का आह्वान किया है। बता दें कि भारत ने 41 कनाडाई राजनयिकों को देश से चले जाने को कहा है।
पिछले महीने कनाडा के इस आरोप से दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए थे कि भारत ने कनाडा की धरती पर एक खालिस्तानी अलगाववादी नेता की हत्या में भूमिका निभाई थी। भारत सरकार ने इस आरोप को बेतुका बताया है।
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि "हम आगे बढ़ने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। हम इस बेहद कठिन समय में भारत के साथ रचनात्मक संबंध जारी रखने के लिए वह काम करने जा रहे हैं जो मायने रखता है। यही कारण है कि हमारे लिए भारत सरकार के साथ काम करने वाले राजनयिकों का होना बहुत महत्वपूर्ण है।"
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि - तनाव के क्षणों में.यह पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि राजनयिक बने रहें।और इसीलिए हम भारत में एक मजबूत राजनयिक उपस्थिति के महत्व में विश्वास करते हैं।" जोली ने कहा कि निजी तौर पर भारत से बातचीत चल रही है।
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अमेरिका का रिएक्शन
अमेरिका ने भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक कर्मचारियों के गतिरोध को स्वीकार करते हुए इस मुद्दे पर विचार करने से इनकार कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने नई दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग के राजनयिक स्टाफिंग स्तर के बारे में कहा - निश्चित रूप से मैं काल्पनिक बातों में नहीं पड़ना चाहता और इस प्रक्रिया को एक समय में एक कदम उठाना नहीं चाहता। चूंकि यह हमारी इंडो-पैसिफिक रणनीति और इस क्षेत्र पर हम जो फोकस जारी रखते हैं, उससे संबंधित है, वह प्रयास और वह कार्य पद्धति जारी रहेगी।''
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इसके अलावा अमेरिका के विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा है कि, "हम प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में गहराई से चिंतित हैं और हम अपने कनाडाई सहयोगियों के साथ नियमित संपर्क में हैं। यह महत्वपूर्ण है कनाडा की जांच आगे बढ़े और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए, इसके लिए हमने सार्वजनिक और निजी तौर पर भारत सरकार से कनाडा की जांच में सहयोग करने का भी आग्रह किया है।''