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स्विस बैंक में 77वें स्थान पर पहुंचा भारत, पहले नंबर पर ब्रिटेन बरकरार

स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में पिछले साल काफी गिरावट आई है।

Shreya
Published on: 26 Jun 2020 4:17 PM IST
स्विस बैंक में 77वें स्थान पर पहुंचा भारत, पहले नंबर पर ब्रिटेन बरकरार
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नई दिल्ली: स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में पिछले साल काफी गिरावट आई है। बैंकों में भारतीय नागरिकों तथा कंपनियों के जमा धन के मामले में भारत अब तीन स्थान फिसलकर 77वें पायदान पर आ गया है। इस लिस्ट में ब्रिटेन पहले स्थान पर ही बना हुआ है।

भारतीयों के धन में लगातार दूसरे साल आई गिरावट

स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में लगातार दूसरे साल गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल भारत इस लिस्ट में 74वें स्थान पर था। पिछले साल 2019 में स्विस बैंकों में भारतीयों के कुल छह हजार 625 करोड़ रुपये जमा थे। जो कि साल 2018 की तुलना में छह फीसदी कम है।

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धन जमा करने के मामले में भारत काफी निचले पायदान पर

सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय नागरिकों और कंपनियों द्वारा धन जमा करने के मामले में भारत काफी निचले पायदान पर है। विदेशियों की ओर से स्विस बैंकों में जमा धन में भारत का केवल 0.06 प्रतिशत हिस्सा ही है। वहीं साल 2019 के अंत तक ब्रिटेन के नागरिकों का कुल जमा धन में 27 प्रतिशत हिस्सा है।

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जमा धन में 5.8 प्रतिशत की आई गिरावट

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 2019 में स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों का जमा धन में 5.8 प्रतिशत की गिरावट आई है। अब यह 89.9 करोड़ स्विस फ्रैंक यानी छह हजार 625 करोड़ रुपये ही रह गया है। यह स्विस बैंकों की भारतीयों के प्रति 'कुल देनदारी' है। इनमें भारतीयों के सभी तरह के अकाउंट शामिल हैं।

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भारतीयों के कालेधन का संकेत नहीं मिलता

ये आधिकारिक आंकड़े बैंकों की तरफ से दिया गया है। इनसे स्विस बैंकों में जमा भारतीय नागरिकों के कालेधन का संकेत नहीं मिलता है। बता दें कि इन आंकड़ों में उन भारतीयों को शामिल नहीं किया गया है, जिन्हें स्विस बैंकों में तीसरे देशों की इकाइयों के नाम पर रखा गया है। इस लिस्ट में ब्रिटेन का पहला स्थान, अमेरिका का दूसरा, वेस्ट इंडीज का तीसरा, फ्रांस चौथे और हांगकांग पांचवें स्थान पर है।

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