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बढ़ेंगी भारतीयों की मुश्किलें: सऊदी अरब-रूस का ये फैसला बनेगा वजह

वैश्विक स्तर पर विमानन सेवाएं इस कोरोना वायरस महामारी की वजह से अब भी लगभग ठप हैं। जिससे कच्चे तेल की मांग प्रभावित हुई है।

Aradhya Tripathi
Published on: 7 Jun 2020 9:57 AM GMT
बढ़ेंगी भारतीयों की मुश्किलें: सऊदी अरब-रूस का ये फैसला बनेगा वजह
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भारत समेत में पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। इस वायरस के प्रकोप के चलते भारत समेत पूरे विश्व में महंगाई की मार बढ़ती जा रही है। अब इस महंगाई की मार एक बार फिर लोगों पर पड़ी है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन और उससे संबद्ध देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में करीब एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती को जुलाई अंत तक एक महीने के लिए और बढ़ा दिया है। यह कदम कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर बाजार में स्थिरता लाने की उम्मीद में उठाया गया है।

कोरोना वायरस के चलते लेना पड़ा फैसला

अगुवाई में इससे बाहर के देशों की शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में यह फैसला किया गया। इस कदम का मकसद अधिशेष उत्पादन को कम करना, कीमतों में आ रही गिरावट को थामना है। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते काफी कुछ ठप्प और बंद है। कई सेवाएं और सुविधाएं बंद हैं। ऐसे में वैश्विक स्तर पर विमानन सेवाएं इस महामारी की वजह से अब भी लगभग ठप हैं। जिससे कच्चे तेल की मांग प्रभावित हुई है।

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उत्पादन में कुल कटौती वैश्विक स्तर पर आपूर्ति का करीब दस प्रतिशत बैठती है। हालांकि, कई देशों ने लॉकडाउन में अब ढील दी है लेकिन कच्चे तेल के बाजार में जोखिम कायम है। ओपेक के अध्यक्ष एवं अल्जीरिया के पेट्रोलियम मंत्री मोहम्मद अरकब ने चेताया कि इस साल के मध्य तक वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल का भंडारण बढ़कर 1.5 अरब बैरल पर पहुंच जाएगा।

ब्रेंट क्रूड के भाव में रिकवरी

अरकब ने कहा कि इस दिशा में आज की तारीख तक हुई प्रगति के बावजूद हम अभी अपने प्रयासों में ढील नहीं दे सकते। सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री अब्दुलअजीज बिन सलमान ने भी इस बात का समर्थन करते हुए कहा कि आज हम जहां पहुंचे हैं उसके लिए सभी ने प्रयास किया है। सलमान ने कहा कि अप्रैल में जिस दिन अमेरिका का तेल वायदा शून्य से नीचे आया था, तो उन्हें काफी झटका लगा था।

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ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का भाव अप्रैल में 20 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर फिसल गया था। शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड के भाव में 6 फीसदी की तेजी देखने को मिली, जिसके बाद यह 42 डॉलर प्रति बैरल के साथ बीते तीने महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि, 2019 के मुकाबले यह अभी भी बहुत कम है।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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