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ईरान ने अमेरिकी फौज को किया आतंकी करार, उठाया इतना बड़ा कदम

ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से तेहरान और वॉशिंगटन के बीच संघर्ष बढ गया  हैं। कभी ईरान सुलेमानी की हत्या का बदला लेने का वादा कर रहा है तो कभी अमेरिका ईरान को अंजाम भुगतने की धमकी दे रहा है। तनाव बढ़ाने वाले इन घटनाक्रमों के बीच अब ईरान की संसद ने अमेरिकी फौज को 'आतंकी' घोषित कर दिया है।

suman
Published on: 8 Jan 2020 1:44 AM GMT
ईरान ने अमेरिकी फौज को किया आतंकी करार, उठाया इतना बड़ा कदम
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नई दिल्ली : ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से तेहरान और वॉशिंगटन के बीच संघर्ष बढ गया हैं। कभी ईरान सुलेमानी की हत्या का बदला लेने का वादा कर रहा है तो कभी अमेरिका ईरान को अंजाम भुगतने की धमकी दे रहा है। तनाव बढ़ाने वाले इन घटनाक्रमों के बीच अब ईरान की संसद ने अमेरिकी फौज को 'आतंकी' घोषित कर दिया है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मंगलवार को मध्य-पूर्व में मौजूद अमेरिकी फौज को आतंकी का दर्जा देने वाले एक बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

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जिससे इस्लामिक गणराज्य को गहरा झटका लगा है। यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर किया गया था, जिनका कहना था कि कुद्स कमांडर अमेरिकी राजनयिकों और इराक में अमेरिकी बलों पर हमले की साजिश रच रहा था। सुलेमानी की मौत से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है और पश्चिम एशिया में नये युद्ध की आशंका पैदा हो गई है। सुलेमानी को ईरान में वहां के सर्वोच्च नेता अयातोल्ला अली खामेनेई के बाद दूसरा सर्वाधिक शक्तिशाली व्यक्ति माना जाता था। सुलेमानी का कुद्स बल (ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक शाखा) सीधे खामेनेई को रिपोर्ट करता था और वह एक राष्ट्र नायक माने जाते थे

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मंगलवार को मध्य-पूर्व में मौजूद अमेरिकी फौज को आतंकी का दर्जा देने वाले एक बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।रॉयटर्स एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सप्ताह पास हुए इस बिल में अमेरिकी सरकार को आतंकवाद का समर्थक करार दिया गया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि मध्य-पूर्व क्षेत्र में अमेरिकी सेना पर इसका क्या असर पड़े रूहानी के इस कदम को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स को आतंकी संगठन घोषित करने की जवाबी कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है. अमेरिका ने कुछ महीने पहले ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स को विदेशी आतंकी संगठनों की सूची में डाल दिया था. ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स में आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के कुल 125,000 सदस्य हैं। इस बिल में अमेरिका की सेंट्रल कमांड (CENTCOM) को आतंकी संगठन घोषित किया गया है। CENTCOM मध्य-पूर्व और अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य ऑपरेशनों के लिए जिम्मेदार है रॉयटर्स एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रूहानी ने

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ईरान की इंटेलिजेंस, विदेश मंत्रालय, सेना और सर्वोच्च सुरक्षा परिषद को कानून को लागू करने के निर्देश दिए। ईरान ने चेतावनी दी है कि अमेरिका की किसी भी कार्रवाई का करारा जवाब देगी. ईरानी सांसदों ने कहा, अमेरिका के नेता जो मध्य-पूर्व में आतंक के जनक और संरक्षक हैं, अपने इस अनुचित और मूर्खतापूर्ण कदम को लेकर अफसोस करेंगे हीं, अमेरिका ने ईरान के विदेश मंत्री जावद जरीफ को वीजा देने से इनकार कर दिया है। वह न्यू यॉर्क में हो रही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में हिस्सा लेने वाले थे. हालांकि, अभी तक इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई ट्रंप ने पिछले साल ईरान के साथ न्यूक्लियर डील से बाहर होकर इस संघर्ष की शुरुआत कर दी थी. अमेरिका ने समझौते से बाहर होने के बाद ईरान पर तमाम तरह के प्रतिबंध थोप दिए थे जिसके बाद से उसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई।

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