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आतंकियों का घिनौना चेहरा! हैवानियत का खुलासा, लड़कियों के साथ होता है ये काम

उत्तरी इराक के सिनजार में आइएस के चंगुल में अपने साथ हुई त्रासदी को याद किया। दुष्कर्म पीडि़ता को आइएस ने तीन अगस्त 2014 को बंधक बनाया था। एक पीडि़ता ने कहा कि उसके साथ बार-बार यौन उत्पीड़न किया गया और आतंकियों के हाथों तीन बार बेचा गया।

SK Gautam
Published on: 6 Nov 2019 4:44 PM IST
आतंकियों का घिनौना चेहरा! हैवानियत का खुलासा, लड़कियों के साथ होता है ये काम
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मुंबई: एक ऐसी पीड़िता जिसका दर्द सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे, आतंकी संगठन आइएस के चंगुल से आजाद हुए लोगों ने अपने त्रासदी भरे दिनों को याद किया। मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक यजीदी दुष्कर्म पीड़िता ने आइएस के उत्पीड़न को याद करते हुए अपनी दास्तां सुनाया और कहा कि जब मैं 13 साल की थी तब आइएस ने मुझे बंधक बनाया था। अपने साथ हुए बर्बरता के बारे में सुनाते हुए बताया कि करीब एक साल तक उन्होंने मेरे साथ क्रूरता पूर्वक व्यवहार किया।

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उन्होंने बताया कि उस दौरान मैं तीन बार आतंकियों को बेची गई थी। 'कुछ दुष्कर्म पीड़िताओं के साथ मुक्त यजीदियों के कार्यालय के निदेशक हुसैन अल कैदी ने मुंबई में स्थानीय एनजीओ के सहयोग से संवाददाता सम्मेलन किया।

बार-बार यौन उत्पीड़न किया गया और तीन बार बेचा गया

उन लोगों ने उत्तरी इराक के सिनजार में आइएस के चंगुल में अपने साथ हुई त्रासदी को याद किया। दुष्कर्म पीडि़ता को आइएस ने तीन अगस्त 2014 को बंधक बनाया था। एक पीडि़ता ने कहा कि उसके साथ बार-बार यौन उत्पीड़न किया गया और आतंकियों के हाथों तीन बार बेचा गया। एक वर्ष बंधक के दौरान की त्रासदी ने उसके जीवन पर अनगिनत न भूलने वाले दाग छोड़ दिया है।

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अमेरिकी बलों की वापसी को पीडि़तों ने बुरा फैसला कहा

सिनजार से अमेरिकी बलों की वापसी को पीडि़तों ने बुरा फैसला कहा। इससे क्षेत्र में आइएस का आतंक और बढ़ेगा। खास तौर से यजीदी जैसे अल्पसंख्यक आसान निशाना बनेंगे। कुर्दिश क्षेत्रीय सरकार और आइएस के हाथों उत्पीड़न के शिकार हुए लोगों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पुनर्वास में सहायता करने की मांग की है।

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यौन दासी बनाया जाता है

आइएस ने 2014 में सिनजार पर कब्जा कर लिया था। उसके बाद हजारों की संख्या में यजीदी वहां से भागने के लिए मजबूर हुए। जो पकड़े गए उन्हें या तो जिंदा दफन कर दिया गया या तो जिंदा जला दिया गया। लड़कों को आतंकी बनने का प्रशिक्षण दिया गया और महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया। उन्हें यौन दासी बनाया गया या फिर आइएस आतंकियों के साथ उनकी शादी कर दी गई।



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