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खतरे से बाहर इजराइल: देश में कोरोना कंट्रोल, जानें कैसे जीती महामारी से जंग
कोरोना को वैक्सीन के जरिये ही नियंत्रित किया जा सकता है। जितनी जल्दी हम आबादी के एक बड़े हिस्से का टीकाकरण कर लेगें, उतनी ही जल्दी हम महामारी को नियंत्रित कर पाएगें।
नीलमणि लाल
नई दिल्ली। सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे का कहना है कि जैसे इजरायल ने कोरोना को रोका है वैसे ही हम भी रोक लेंगे। उन्होंने कहा कि इजरायल ने बड़े स्तर पर अपने देश में लोगों का टीकाकरण किया जिससे अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या के साथ ही कोरोना के मामलों में भी कमी देखी गई।
इजराइल ने कोरोना वायरस पर काबू कर लिया है
कोरोना को वैक्सीन के जरिये ही नियंत्रित किया जा सकता है। जितनी जल्दी हम आबादी के एक बड़े हिस्से का टीकाकरण कर लेगें, उतनी ही जल्दी हम महामारी को नियंत्रित कर पाएगें। इजरायल इस बात का सबसे बेहतर उदाहरण है और हमें उसका अनुपालन करना चाहिए।
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लाखों लोगों को लगी वैक्सीन
सच्चाई ये है कि इजरायल उन देशों में शुमार है जो इस महामारी को पीछे छोड़ रहा है। लाखों लोगों को वैक्सीन लग चुकी है और अब ग्रीन पासपोर्ट के सहारे इस देश के हाल और भी बेहतर होते जा रहे हैं। 90 लाख की जनसंख्या वाला इजरायल अपने आधे लोगों को वैक्सीन प्रदान कर चुका है।
देश मे 6 हजार मौतें कोरोना से
इजरायल में पोसिटिवटी दर 2.9 फीसदी है। देश में व्यापक वैक्सीनेशन के साथ साथ सघन जांच कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। इजरायल में अब तक कोरोना से करीब 6 हजार मौतें हुईं हैं।
वैक्सीन पासपोर्ट किया जरूरी
1 फरवरी को इजरायल ने वैक्सीन पासपोर्ट अनिवार्य कर दिया है। वैक्सीन पासपोर्ट एक डिजिटल दस्तावेज होगा। जिसमें कि कोरोना वैक्सीनेशन से जु़ड़ी सभी जानकारी होंगी। यह डिजिटल दस्तावेज एक सर्टिफिकेट का काम करेगा। इसका आप सार्वजनिक स्थानों पर जाते समय इस्तेमाल कर सकेंगे। जिसे इससे आपको विभिन्न देशों में यात्रा करने के दौरान उनके क्वारंटीन के नियमों से छूट मिल सकती है। इजरायल में उन लोगों को ये सर्टिफिकेट दिया जा रहा है जिनको वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी है।
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घट गए कोरोना केस
इजराइल में वैक्सीनेशन का काम जितनी तेजी से किया जा रहा, उतनी ही तेजी से इसके आंकड़े भी सामने आ रहे हैं। इजराइल की एक नई स्टडी के मुताबिक, फाइजर वैक्सीन की 2 डोज लेने वालों में कोरोना के सिम्प्टोमैटिक मरीज 94 फीसद तक कम हो गए हैं। ये स्टडी फाइजर वैक्सीन के दोनों डोज लेने वाले 6 लाख लोगों पर की गई। वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद ऐसे मामलों में 92 फीसदी गिरावट देखी जिनमें अस्पताल में भर्ती करने, आईसीयू या फिर वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती थी।
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इस बीच ये भी रिपोर्ट है कि करीब एक लाख नागरिकों ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ तो ली लेकिन दूसरी डोज़ के लिए नहीं आये। चूँकि कोई जोर जबरदस्ती नहीं है सो किसी को दूसरी डोज़ के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।