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Israel-Palestine Conflict: हमेशा याद किया जाएगा इजरायल का इंटेलिजेंस फेलियर, बहुत बड़ी चुनौती है इजरायल के सामने

Israel-Palestine Conflict: ऐसा प्रतीत होता है कि देश इजरायल का ख़ुफ़िया तंत्र सुरक्षा की झूठी भावना का शिकार हो गया है।

Neel Mani Lal
Published on: 8 Oct 2023 4:48 PM IST
Israel Palestine Conflict intelligence failure Know Mossad History
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Israel Palestine Conflict intelligence failure Know Mossad History (Photo-Social Media)

Israel-Palestine Conflict: आज से लगभग 50 साल पहले इज़राइल 1973 के योम किप्पुर युद्ध के फैलने का अनुमान लगाने में विफल रहा था। 73 का युद्ध अरब देशों के गठबंधन द्वारा इजरायल की सीमाओं पर एक चौंकाने वाला हमला था। अब फिर ऐसा प्रतीत होता है कि देश इजरायल का ख़ुफ़िया तंत्र सुरक्षा की झूठी भावना का शिकार हो गया है। इजरायल ही नहीं बल्कि उसके सबसे करीबी दोस्त अमेरिका का भी यह इंटेलिजेंस फेलियर है।

टूट गया भ्रम

इजरायली समाज में व्यापक रूप से यह समझा जाता था कि हमास आतंकवादी समूह इजरायल के साथ बड़े पैमाने पर सैन्य टकराव से बचेंगे। लेकिन यह भ्रम भी अब टूट गया है। ताजा हमले की शुरुआत इज़राइल पर 2,000 से अधिक रॉकेट दागे जाने से हुई। रॉकेटों की आड़ में, गाजा से बड़े पैमाने पर जमीनी ऑपरेशन शुरू किया गया और पट्टी से सटे 20 से अधिक इजरायली कस्बों और सेना के ठिकानों पर वहुत ही नियोजित तरीके से हमला किया गया।


हमले के पीछे का गणित

1973 के योम किप्पुर युद्ध की तरह, आने वाले हफ्तों, महीनों और वर्षों में खुफिया, परिचालन और राजनीतिक विफलताओं पर कई विश्लेषण होंगे और जांच की जाएंगी। जाहिरा तौर पर शुरुआत में इजरायल को हमले का पता नहीं चला और फिर घंटों तक या तो अपर्याप्त या बिना तैयार इज़रायली बलों का सामना करना पड़ा। 1973 के युद्ध की तरह हमले के लिए एक धार्मिक त्यौहार का समय जानबूझकर चुना गया था।


हमले शुरू करने में हमास की रणनीतिक गणना इस स्तर पर अनिश्चित है। हालाँकि, हमास के खिलाफ इज़राइल की प्रतिशोध की सुनिश्चित गंभीरता और इसके परिणामस्वरूप, गाजा में नागरिक आबादी पर कहर यह संभावना बनाती है कि हमले के पीछे कोई और गणित लगाया गया है।

जेल में बंद आतंकियों को छुड़ाना

इज़राइल की जेलों में बंद हमास आतंकवादियों के साथ कैदियों की अदला-बदली के लिए इज़राइलियों का अपहरण करना, अतीत में हमास के सैन्य अभियानों के सबसे वांछित उद्देश्यों में से एक रहा है। 2011 में, एक इज़राइली सैनिक गिलाद शालित, जिसे 2006 से गाजा में बंदी बनाकर रखा गया था, को 1,000 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में छोड़ा गया था। इन कैदियों में गाजा में हमास के वर्तमान नेता याह्या सिनवार भी शामिल था जिसने इजरायली जेल में 22 साल की सजा काट ली थी। वर्तमान हमले में जिस तरह सैकड़ों इजरायली नागरिकों और सैनिकों को अपहृत कर गाजा ले जाया गया है उससे लगता है कि हमले के पीछे यह एक केंद्रीय उद्देश्य हो सकता है।


रिश्ते सुधरने देने से रोकना

हमास का एक और व्यापक उद्देश्य सऊदी अरब और इज़राइल के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के समझौते पर अमेरिका और सऊदी के बीच चल रही बातचीत को कमजोर करना हो सकता है। इन वार्ताओं को विफल करना हमास के प्रमुख समर्थक ईरान और उसके सहयोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण वरदान होगा। तेहरान ने कहा भी है कि वह इज़राइल के खिलाफ हमास के हमलों का समर्थन करता है, लेकिन अभी निश्चित नहीं है कि क्या ईरान या हिजबुल्लाह आने वाले दिनों में इज़राइल के खिलाफ अतिरिक्त मोर्चा खोलेंगे।

आगे क्या हो सकता है?

गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल का जवाबी हमला "आयरन स्वोर्ड्स" लंबे समय तक चलने की संभावना है। इसके सामने आने वाली चुनौतियाँ बहुत बड़ी हैं। इजरायली जनता के विश्वास को बहाल करने तथा हमास और अन्य दुश्मनों के खिलाफ इजरायल की सैन्य ताकत को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता के साथ, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार को संभवतः अन्य जटिलताओं से निपटना होगा।

  • सैकड़ों इज़रायली बंधकों का क्या होगा?
  • ज़मीनी घुसपैठ हुई है सो इजरायल की सेनाओं के लिए ख़तरे काफ़ी बढ़ गए हैं।
  • वेस्ट बैंक में अशांति और उपद्रव हुआ तो एक नया मोर्चा खुल जाएगा। यही नहीं, लेबनान और इज़राइल के अंदर मिश्रित यहूदी-फिलिस्तीनी शहरों सहित अन्य मोर्चों पर तनाव बढ़ने का खतरा।
  • फ़िलिस्तीनी नागरिकों में हताहतों की बढ़ती संख्या के बीच किसी आक्रामक अभियान के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन बनाए रखना भी मुश्किल हो सकता है।
  • हिंसा का मौजूदा दौर अभी तो बमुश्किल शुरू हुआ है, लेकिन यह दशकों में सबसे खूनी हो सकता है। अभूतपूर्व रक्तपात की आशंका है।
  • इजरायली हमास के खिलाफ अपने देश की सैन्य क्षमताओं को पुनः प्राप्त करना अत्यंत महत्वपूर्ण मानेंगे, जिसके लिए कई लोगों की नजर में गाजा पर सैन्य कब्जे की आवश्यकता हो सकती है। यह गाजा की नागरिक आबादी के लिए और अधिक विनाशकारी परिणाम लाएगा। कई फ़िलिस्तीनियों के लिए, शुरुआती जश्न जल्द ही गुस्से और हताशा में बदल जाएगा क्योंकि फिलिस्तीनी नागरिक हताहतों की संख्या में वृद्धि जारी रहेगी।
  • हमास के अचानक हमले के आघात का इज़राइल की घरेलू राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ना तय है।

दीर्घकालीन असर

इजरायलियों और उनकी सुरक्षा की भावना पर हमले के संभावित दीर्घकालिक प्रभावों का आकलन करना अभी भी जल्दबाजी होगी। लेकिन एक बात स्पष्ट है: इजरायली और फिलिस्तीनी लोगों के बीच विश्वास निर्माण की पहले से ही चुनौतीपूर्ण संभावनाओं को एक विनाशकारी झटका लगा है।

अपने 2022 के संस्मरण, बीबी: माई स्टोरी में, नेतन्याहू ने गाजा में इजरायली जमीनी हमले से बचने के लिए 2012 में हमास के खिलाफ इजरायल के "पिलर ऑफ डिफेंस" ऑपरेशन के दौरान अपने फैसले के बारे में लिखा था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि इस तरह के हमले से सैकड़ों इजरायली रक्षा बल और हजारों फिलिस्तीनी हताहत हो सकते हैं - जिसके वे सख्त खिलाफ थे। उन्होंने दो अन्य अवसरों (2008 में ऑपरेशन "कास्ट लीड" और 2014 में "प्रोटेक्टिव एज") पर जमीनी घुसपैठ को अधिकृत किया। लेकिन अन्य मामलों में उन्होंने काफी सतर्कता बरती है। लेकिन अब जो हालात हैं उसमें नेतन्याहू की दक्षिणपंथी सरकार के लिए आने वाले दिनों में इसी तरह का संयम दिखाना बहुत मुश्किल होगा। और हमास का आश्चर्यजनक हमला युगों-युगों तक एक ख़ुफ़िया विफलता के रूप में याद किया जाएगा।

Israel Statement: नेतन्याहू ने हमास के ठिकानों को "मलबे में" तब्दील करने की कसम खाई है और फिलिस्तीनियों से वहां से भागने का आग्रह किया है क्योंकि विनाशकारी हवाई हमले जारी हैं। नेतन्याहू ने एक्स पर लिखा, हम एक लंबे और कठिन युद्ध की शुरुआत कर रहे हैं जो हमास के जानलेवा हमले के कारण हम पर थोपा गया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें.....

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Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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