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चंद्रयान-2 से बड़ा ये मिशन, इसरो-जापान मिलकर देंगे इसको अंजाम

चन्द्रयान2 के बाद अब इसरो जापान के अंतरिक्ष एजेंसी जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जाक्सा) के साथ मिलकर अपने अगले मून मिशन को अंजाम देगा।

Shreya
Published on: 6 April 2023 6:18 PM GMT (Updated on: 6 April 2023 10:47 PM GMT)
चंद्रयान-2 से बड़ा ये मिशन, इसरो-जापान मिलकर देंगे इसको अंजाम
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चंद्रयान-2 से बड़ा ये मिशन, इसरो-जापान मिलकर देंगे इसको अंजाम

नई दिल्ली: चन्द्रयान2 के बाद अब इसरो जापान के अंतरिक्ष एजेंसी जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जाक्सा) के साथ मिलकर अपने अगले मून मिशन को अंजाम देगा। इस मिशन में चांद के ध्रुवीय क्षेत्र के सैंपल लाने पर काम किया जायेगा। ये मिशन चन्द्रयान-2 से बड़ा होगा।

इसरो-जाक्सा मिलकर करेंगे काम-

इसरो ने अपने एक बयान में कहा है कि इसरो, जाक्सा के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर चांद के ध्रुवीय क्षेत्र में शोध के लिए एक संयुक्त सैटेलाइट मिशन पर काम करने की स्थिति पर स्टडी कर रहे हैं। इस मिशन को इसरो जापान के अंतरिक्ष एजेंसी जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जाक्सा) के साथ मिलकर करेगा।

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बता दें कि जाक्सा ने इस साल जुलाई में क्षुद्रग्रह पर अपने हायाबुसा मिशन-2 को सफलतापूर्वक उतारा था। इस मिशन में सफलता पाकर जापान ने अपनी मजबूत तकनीकी क्षमता को सबके सामने रखा है। जाक्सा ने ये मिशन क्षुद्रग्रह पर शोध करने के बनाया था।

2024 तक दे सकते हैं मिशन को अंजाम-

बता दें कि भारत और जापान संयुक्त लुनर पोलर एक्सप्लोरेशन के दौरान चांद पर रोवर भेजने की योजना पर विचार कर रहे हैं। भारत और जापान इस मिशन को अगले कुछ सालों के अंदर चांद से नासा के मिशन की वापसी के बाद अंजाम देगा। भारत और जापान का ये मिशन रॉबोटिक मिशन होगा। इस मिशन को 2024 तक अंजाम देने की उम्मीद जताई जा रही है।

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भारत और जापान के इस मिशन को 2017 में बेंगलुरु में हुए कईयों स्पेस एजेंसियों की मीटिंग के दौरान सार्वजनिक किया गया था। साथ ही पीएम मोदी के 2018 में हुए जापान दौरे के वक्त यह अंतरसरकारी चर्चा की हिस्सा था।

बता दें कि चन्द्रयान-2 के सॉफ्ट लैंडिंग के 2.1 किलोमीटर दूरी पर लैंडर विक्रम का संपर्क टूट गया था। अगर इसकी सॉफ्ट लैंडिंग हो जाती तो सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाता।

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