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इस देश में लोग करते हैं रोने की प्रैक्टिस, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश

देश उत्तर कोरिया में कई अजीब परंपराएं हैं। उत्तर कोरिया में मृत शासक को सम्मान देने के लिए दहाड़ें मारकर रोना जरूरी है। शोकसभाओं में अवाम को रो कर ये साबित करना था। वे पुराने राजा से प्यार करते थे। और उनके लिए वफादार हैं।

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Published on: 7 Dec 2020 6:09 AM GMT
इस देश में लोग करते हैं रोने की प्रैक्टिस, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश
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इस देश में लोग करते हैं रोने की प्रैक्टिस, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश

लखनऊ: किम जोंग उन एक ऐसा नाम जो दुनियां का सबसे यंगर्स लीडर तो हैं ही लेकिन उसके साथ ही इसे हम दुनियां का सबसे सनकी लीडर भी कहे तो यह कुछ गलत नहीं होगा। क्योंकि जो शख्स सत्ता पाने की लालच में अपने अंकल और भाई तक को मरवा दे वह अपनी अवाम के साथ कैसा सलूक कर सकता हैं इसका अंदाज़ा आप खुद ही लगा लीजिये। क्योंकि नार्थ कोरिया में लोग चूहे और कीड़े खाने तक के लिए मजबूर हो जातें हैं। साथ ही यह के नियम-कानून और देशो के मुकाबले बहुत अलग हैं जो की लोगो को जीते-जी ही मार देते हैं।

जनता के पास नेता चुनने का कोई और चारा नहीं

आपको बता दें की पुरा उत्तर कोरिया सनकी तानाशाह किम जोंग उन और इसके परिवार वालों से डरता हैं। साथ अपने इस डर को उनके सामने दिखाया भी जाता हैं। ऐसी उनकी परंपरा में शामिल हैं। आपको बता दें किम जोंग उन के सत्ता सँभालने से पहले भी नॉर्थ कोरिया पर किम परिवार से ही शासक रहे हैं। किम जोंग उन से पहले सत्ता किम के पिता किम जोंग इल ने सत्ता संभाली, उससे पहले इस सत्ता के शाशक किम के दादा किम-II सुंग संस्थापक और पहले नेता थे। किम-II सुंग मौत साल 1994 में हुई थी। । साल 2011 में अपने पिता किम जोंग इल के मौत के बाद, किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया के नेता बने।

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यह पर होती हैं फूट- फूट कर रोने की परम्परा

नार्थ कोरिया में यह रिवाज हैं की उस देश के हर घर में किम जोंग के पिता और उनके दादा की फोटो लगाना जरुरी है। उत्तर कोरिया में वहां के शासक को जीते-जी सम्मान देना जरुरी होता हैं और शासक की मौत के बाद उस शासक के लिए रोने की परंपरा हैं। अगर आप यह रिवाज नहीं अपनातें हैं तो उसे किम परिवार सजा देता है। कहते हैं कि किम के पिता किम जोंग इल में मौत के बाद वह की जनता को शोक सभा में खुलकर रोने का आदेश मिला। इस शोक सभा में लोग पूरे दम से चिल्ला-चिल्लाकर और छाती पीटकर रोए।

रोने से मिलता हैं वफादारी का साबुत

कौन-कौन उतनी ठीक तरह से नहीं रो रहा था। तो वह शख्स किम परिवार के प्रति वफादारी में कमी माना गया। साथ ही किसी ने ठीक से नहीं रोया तो दूसरे दिन वह शख्स रोज गायब हो गया। मीडिया में तब इस बात की काफी चर्चा रही थी। एक रिपोर्ट के अनुसार किम जोंग उन अपने पिता के मौत के बाद राजा किम जोंग उन ने पिता के लिए बहुत सी शोकसभाएं रखीं। इन सारे शोकसभाओं में अवाम को रो कर ये साबित करना था। वे पुराने राजा से प्यार करते थे। और उनके लिए वफादार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ये शोकसभाएं 10 दिनों तक चलीं थी। उस शोक सभा में युवा, बच्चे, बूढ़े, औरत-मर्द सबके लिए रोन जरुरी था।

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