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इस मुस्लिम देश को कश्मीर-CAA पर भारत का विरोध करना पड़ा भारी, हुआ ये बुरा हाल

कश्मीर और नागरिकता कानून का विरोध करना मलेशिया को भारी पड़ गया है। मलेशिया को पाम तेल को बेचने में बड़ी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आयात पर लगे प्रतिबंध के बाद भारतीय बंदरगाहों पर हजारों टन पाम तेल फंसा है।

Dharmendra kumar
Published on: 21 Jan 2020 3:03 PM IST
इस मुस्लिम देश को कश्मीर-CAA पर भारत का विरोध करना पड़ा भारी, हुआ ये बुरा हाल
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नई दिल्ली: कश्मीर और नागरिकता कानून का विरोध करना मलेशिया को भारी पड़ गया है। मलेशिया को पाम तेल को बेचने में बड़ी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आयात पर लगे प्रतिबंध के बाद भारतीय बंदरगाहों पर हजारों टन पाम तेल फंसा है।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि भारत सरकार ने 8 जनवरी को मलेशिया से रिफाइंड तेल के आयात पर लगाम लगाने का ऐलान किया था ताकि घरेलू रिफाइनरियों की मदद की जा सके। भारत में साबुन बनाने से लेकर कुकीज बनाने तक खाद्य तेल इस्तेमाल होता है और भारत खाद्य तेल के लिए पूरी तरह से आयात पर ही निर्भर है।

एक डेटा के मुताबिक खाद्य तेल के दूसरे सबसे बड़ा उत्पादक देश मलेशिया से मुंह मोड़ने के बाद भारत ने इंडोनेशिया से आयात करना शुरू किया है। पिछले पांच सालों में मलेशिया के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार रहा है, लेकिन कूटनीतिक विवाद का असर दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर भी दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को मलेशियाई पाम फ्यूचर की कीमतों में पिछले 11 सालों की सबसे बड़ी गिरावट हुई।

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मीडिया रिपोर्ट में मुंबई के खाद्य तेल के एक बड़े डीलर के हवाले से बताया गया है कि भारतीय बंदरगाहों पर 30,000 टन से ज्यादा पाम तेल के कंटेनर फंसे हुए हैं। यह सभी जहाज सरकार के आयात पर नियंत्रण लगाने से पहले ही रवाना हुए थे। डीलर के मुताबिक सामान्यत: कस्टम अधिकारी नियमों में बदलाव से पहले आए हुए जहाजों को खाली करने की इजाजत दे देते हैं, लेकिन पाम तेल के मामले में थोड़ा संशय है जिसकी वजह से जहाजों को खाली करने में देरी हो रही है।

रिपोर्ट में भारतीय सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार के प्रतिबंधों का मतलब है कि आयातकों को अब नया लाइसेंस खरीदना होगा, इस टूल का इस्तेमाल मलेशिया से आ रहे जहाजों के सामान को लेने से मना करने या देरी करने के लिए किया जा रहा है।

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एक अन्य खाद्य तेल खरीददार के मुताबिक कुछ जहाज कोलकाता बंदरगाह पर भी फंसे हैं, कुछ पश्चिमी समुद्री तटों पर रुके हैं। एक आयातक ने बताया कि मैंगलोर में एक जहाज से कच्चा खाद्य तेल तो उतार लिया गया, लेकिन रिफाइन्ड तेल को जहाज से निकालने की इजाजत नहीं दी गई।

इस बीच मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने सोमवार को कहा कि वह भारत के खिलाफ किसी तरह की जवाबी कार्रवाई नहीं करेंगे। महातिर ने कहा था कि हम भारत के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई करने के लिए बहुत छोटे देश हैं। हमें इस समस्या से बाहर निकलने के लिए दूसरे तरीकों और साधनों का इस्तेमाल करना होगा।

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बता दें कि महातिर कई मौकों पर कश्मीर से अनुच्छेद 370 को लेकर भारत सरकार की तीखी आलोचना कर चुके हैं। मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा था कि वह भारत सरकार के आयात पर प्रतिबंध के फैसले को लेकर चिंतित हैं, लेकिन वह गलत चीजों को लेकर आवाज उठाना जारी रखेंगे भले ही इसकी कीमत क्यों ना चुकानी पड़े।



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Dharmendra kumar

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