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पाकिस्तान में मोदी-मोदी: अलग सिंधु देश की उठी मांग, भारतीय PM का दिखा पोस्टर
अलग सिंधु देश बनाने की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आये हैं और अपनी मांगों को तेज कर दिया है। ख़ास बात ये रही कि इस प्रदर्शन के दौरान लोगों के हाथ में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नजर आयी।
लखनऊ: पाकिस्तान में बगावती सुर बुलंद होते जा रहे हैं। अलग सिंधु देश बनाने की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आये हैं और अपनी मांगों को तेज कर दिया है। ख़ास बात ये रही कि इस प्रदर्शन के दौरान लोगों के हाथ में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नजर आयी। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने विश्व के नेताओं से सिंध को अलग देश बनाने में मदद करने की अपील की है।
पाकिस्तान में अलग सिंधु देश बनाने की मांग
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सान कस्बे में रविवार को सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया। दरअसल, कल जीएम सैयद की 117वीं जयंती थी। इस मौके पर लगातार अलग सिंधुदेश बनाने की मांग कर रहे लोगों ने बड़ा प्रदर्शन किया। बता दें कि जीएम सैयद को आधुनिक सिंधी राष्ट्रवाद का संस्थापक माना जाता है। ऐसे में सिंधु देश की मांग करने वाले कल हाथों में पोस्टर लेकर सड़कों पर उतर आए।
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प्रदर्शनकारियों ने लहराए पीएम मोदी के पोस्टर
मीडिया में इस प्रदर्शन को लेकर खलबली तब मच गई, जब प्रदर्शनकारियों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर दिखाने शुरु कर दिए। हालांकि भारतीय पीएम के साथ ही प्रदर्शनकारियों के हाथों में अन्य विश्व नेताओं की तख्तियां भी दिखीं। उनकी मांग थी कि विश्व के ये प्रमुख नेता सिंधुदेश की स्वतंत्रता के लिए उनकी मदद करें और इस मामले में हस्तक्षेप करें।
विश्व नेताओं से की मदद की अपील
वहीं सिंध प्रांत के जमसोरो जिले में जीएम सैयद के गृहनगर में एक विशाल रैली के आयोजन के दौरान लोगों ने आजादी समर्थक नारे लगाए। दावा किया गया कि सिंध, सिंधु घाटी सभ्यता और वैदिक धर्म से जुड़ा है लेकिन ब्रिटिश काल में इस पर अवैध रूप से कब्जा किया गया और बाद में भारत-पाक विभाजन के दौरान 1947 में पाकिस्तानी इस्लामी हाथों में सौंप दिया गया।
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कई राष्ट्रवादी दल भी स्वतंत्र सिंध देश की वकालत कर रहे हैं। इस बाबत अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर अलग सिंधु देश बनाने की मांग को लेकर आवाजें उठाते रहते हैं। और पाकिस्तान को एक ऐसा व्यवसायी बताते हैं, जो संसाधनों का दोहन जारी रखता है और इस क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल है।
मामले में प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हम पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए मदद करें।
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