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कनाडियन लिखना पढ़ना नहीं जानते, क्या सच में है ऐसा ?

ज्यादातर कनाडियन साक्षरता के बेसिक स्किल्स सीखने कर हाई स्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं। स्कूल में जो कुछ सीखा है उसे बनाये रखने के लिए प्रैक्टिस की जरूरत होती है

Roshni Khan
Published on: 18 Jan 2021 1:35 PM IST
कनाडियन लिखना पढ़ना नहीं जानते, क्या सच में है ऐसा ?
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कनाडियन लिखना पढ़ना नहीं जानते, क्या सच में है ऐसा ? (PC: social media)

लखनऊ: कोरोना की वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट से सभी देश जूझ रहे हैं। इनमें कनाडा जैसे अमीर देश भी शामिल हैं। आर्थिक रिकवरी में सभी देश अपनी अपनी तरह से जुटे हुए हैं। लेकिन कनाडा के सामने एक संकट है। ये संकट है साक्षरता का। जी हाँ, कनाडा की व्यस्क जनसँख्या में ये एक बड़ी समस्या है। एडल्ट कनाडियन नागरिकों में पढ़ने, लिखने और गणित की काफी कमजोरी है। साक्षरता में यह दरार देश की इकॉनमी और डेमोक्रेसी के लिए ख़राब परिणाम ला सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि साक्षरता में कमी की वजह कनाडा में ऐसे रोजगार की भरमार रही है जिसमें लिखने-पढ़ने जैसी स्किल्स की जरूरत नहीं होती।

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बेसिक स्किल्स सीखने कर हाई स्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं

ज्यादातर कनाडियन साक्षरता के बेसिक स्किल्स सीखने कर हाई स्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं। स्कूल में जो कुछ सीखा है उसे बनाये रखने के लिए प्रैक्टिस की जरूरत होती है लेकिन कनाडा की अर्थव्यस्था ऐसी है कि बहुत से कामगारों को अपनी स्कूली शिक्षा को प्रैक्टिस में लाने का अवसर ही नहीं मिलता। मतलब ये कि स्कूल में सीखे गए गणित, कॉम्प्रिहेंशन, लेखन का उपयोग करने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

कनाडा में शिक्षा की दर काफी ऊंची है लेकिन इसके बावजूद आंकड़े बताते हैं कि हर 6 में से एक कनाडियन एडल्ट साक्षरता का बेसिक टेस्ट पास नहीं कर सकता। आंकड़े बताते हैं कि कनाडा में बहुत लोग नौकरी के लिए आवेदन लिखने, समाचार पढ़ने या ईमेल भेजने जैसे सामान्य टास्क नहीं कर पाते हैं। कनाडा की आधी व्यस्क आबादी हाई स्कूल स्तर की परीक्षा पास करने में नाकाम है।

अर्थशास्त्री माइकल बर्ट के अनुसार

कनाडा के अर्थशास्त्री माइकल बर्ट के अनुसार व्यस्क साक्षरता के मामले में कनाडा अन्य ओईसीडी देशों की तुलना में औसत से नीचे है। जानकारों के अनुसार ऐसे लोग कनाडा में पैदा हुए और पीला-बढ़े हैं और भाषा, गणित और कंप्यूटर साक्षरता में पिछड़े हैं वो अपनी कमियां बखूबी छिपा लेते हैं।

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साक्षरता स्किल्स की बहुत मांग नहीं रही है

दरअसल कनाडा की अर्थव्यवस्था में कृषि, खनन और जंगल की लकड़ी का बड़ा हिस्सा है और ये ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ साक्षरता स्किल्स की बहुत मांग नहीं रही है। जब लोगों के रोजगार में पढ़ने-लिखने जैसी स्किल्स की कोई बड़ी भूमिका नहीं रहती तब धीरे धीरे वो भी खत्म होने लगता है जो कुछ स्कूल में सीखा था। साक्षरता में कमी के कारण कनाडियन लोगों में सोच समझ कर आर्थिक निर्णय लेने की कश्मता भी प्रभावित होती है। यानी वे गलत फैसले ले कर अपना ही नुक्सान कर बैठते हैं।

रिपोर्ट- नीलमणि लाल

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