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Murder Records In US: अमेरिका में बन रहा हत्याओं का रिकॉर्ड, हर हफ्ते सामूहिक नरसंहार

Murder Records in America: अमेरिका बड़े पैमाने पर हत्याओं का रिकॉर्ड बना रहा है। इस साल 111 दिनों में 17 सामूहिक हत्याएं हुईं हैं, जिनमें 88 लोगों की जान जा चुकी है।

Neel Mani Lal
Published on: 22 April 2023 9:50 AM GMT
Murder Records In US: अमेरिका में बन रहा हत्याओं का रिकॉर्ड, हर हफ्ते सामूहिक नरसंहार
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Murder Records in America (Photo Source- Social Media)

Murder Records in America: वर्ष 2023 अमेरिका के लिए एक भयानक मंजर ले कर आया है। इस साल के चार ही महीने बीते हैं और अमेरिका बड़े पैमाने पर हत्याओं का रिकॉर्ड बना रहा है। इस साल अब तक सप्ताह में औसतन एक बार सामूहिक हत्याकांड (Mass Murder) हो रहे हैं।

111 दिन में 17 कांड

इस साल 111 दिनों में 17 सामूहिक हत्याएं हुईं हैं, जिनमें 88 लोगों की जान जा चुकी है। इसके पहले सिर्फ 2009 में इसी अवधि में ऐसी कई त्रासदियों को दर्ज किया गया था।

बीते 17 अप्रैल को टेनेसी प्रान्त के नैशविले ग्रेड स्कूल में कई बच्चों को गोली मार दी गई। उत्तरी कैलीफोर्निया में खेतिहर मजदूरों को गोलियों से छलनी कर दिया गया। लॉस एंजिल्स के बाहर एक बॉलरूम में नर्तकियों की हत्या कर दी गई।

पिछले सप्ताह अलबामा के डैडविल में एक पार्टी में हुई अंधाधुंध फायरिंग में चार लोग मार दिए गए और 32 घायल हो गए। इसके अलावा, माइन प्रान्त में जेल से रिहा हुए एक व्यक्ति ने एक व्यस्त अंतरराज्यीय हाईवे पर यात्रा कर रहे मोटर चालकों पर गोलियां चलाने से पहले अपने माता-पिता सहित चार लोगों को घातक रूप से गोली मार दी।

17 साल में 2842 मौतें

नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी में एसोसिएटेड प्रेस और यूएसए टुडे द्वारा बनाए गए एक डेटाबेस के अनुसार, 2006 से अमेरिका में सामूहिक हत्याओं में 2,842 लोग मारे गए हैं। यह चार या अधिक मौतों वाली हत्याओं की गणना करता है, जिसमें अपराधी को शामिल नहीं किया जाता है। ये एफबीआई के समान मानक है।

ये भी जान लीजिए कि सामूहिक हत्याओं में होने वाला खूनखराबा अमेरिका में प्रतिवर्ष होने वाली घातक हिंसा का केवल एक अंश मात्र है। फिर भी सामूहिक हत्याकांड एक अजीब पागलपन है। इस साल तो बड़े पैमाने पर हत्याएं हो रही हैं। एपी/यूएसए टुडे डेटा के विश्लेषण के मुताबिक, इस साल हर 6.53 दिनों में औसतन एक बार सामूहिक हत्याकांड हुए हैं।

कई कारण

अमेरिका में हिंसा की कई वजहें रही हैं। इनके पीछे मानसिक बीमारी, ड्रग्स, बदले की भावना, निराशा से लेकर गैंग वॉर तक के कारणों को गिनाया जा सकता है। हत्या - आत्महत्या और घरेलू हिंसा, स्कूल गोलीबारी और कार्यस्थल प्रतिशोध भी बड़े कारण निकल कर आये हैं। 1 जनवरी के बाद से हुई घटनाओं में एक साथ चार या अधिक लोगों की जान ली है। हिंसा जारी है और स्थिति में परिवर्तन नज़र नहीं आ रहा।

हथियारों पर प्रतिबंध

अमेरिका में नागरिकों को हथियार रखने का संवैधानिक अधिकार मिला हुआ है। कोई भी व्यक्ति सेमी ऑटोमैटिक राइफल तक के आग्नेयास्त्र खरीद सकता है। कई राज्यों में तो खरीदार के पिछले रिकॉर्ड की जांच तक नहीं होती। देश में सेमी-ऑटोमैटिक राइफल्स पर प्रतिबंध को बहाल करने की संभावना बहुत दूर दिखाई देती है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल देश के बंदूक कानूनों की समीक्षा के लिए नए मानक तय किए, जिसमें देश भर में आग्नेयास्त्र प्रतिबंधों पर सवाल उठाया गया था।

बड़े पैमाने पर गोलीबारी

इस साल अब तक बड़े पैमाने पर गोलीबारी की रफ्तार का मतलब ये नहीं है कि कोई नया वार्षिक रिकॉर्ड बनने जा रहा है। 2009 में अचानक कई घटनाएं हुईं लेकिन फिर ये बन्द भी हो गईं और वर्ष 32 सामूहिक हत्याओं और 172 मौतों की अंतिम गणना के साथ समाप्त हुआ। 2006 तक के डेटा के विश्लेषण के अनुसार, ये आंकड़े मुश्किल से 31.1 सामूहिक हत्याओं और 162 पीड़ितों के औसत से अधिक हैं। फिर भी पिछले एक दशक के भीतर भीषण रिकॉर्ड स्थापित किए गए हैं। डेटा 2019 में 45 सामूहिक हत्याओं और 2017 में इस तरह की त्रासदियों में 230 लोगों की मौत को दर्शाता है। उस साल एक ही घटना में 60 लोग मारे गए थे जब एक बंदूकधारी ने लास वेगास स्ट्रिप पर एक आउटडोर कंट्री म्यूजिक फेस्टिवल में गोलियां चलाई थीं। वह नरसंहार आज भी आधुनिक अमेरिका में बड़े पैमाने पर गोलीबारी से होने वाली सबसे अधिक मौतों का वाला गिना जाता है।

एक तर्क ये भी है कि सुर्खियों के बावजूद, सामूहिक हत्याएं सांख्यिकीय रूप से दुर्लभ हैं। लगभग 335 मिलियन आबादी के देश में हर साल कुछ मुट्ठी भर लोगों ऐसी वारदातें की जाती हैं। और यह अनुमान लगाने का कोई तरीका नहीं है कि इस तरह की घटनाएँ इस दर पर जारी रहेंगी या नहीं।

कभी-कभी बड़े पैमाने पर हत्याएं एक के बाद एक होती हैं - जैसे जनवरी में हुईं थी जब उत्तरी और दक्षिणी कैलिफोर्निया में घातक घटनाएं सिर्फ दो दिनों के अंतराल में हुईं। फिर भी सच्चाई ये है कि संख्याएँ झूठ नहीं बोलती हैं। और इसे ठीक करने के लिए तुरंत कुछ करने की आवश्यकता है।

Neel Mani Lal

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