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वैक्सीन पर अजीब दावा: समलैंगिक हो जाएँगे लगवाने वाले, मुस्लिम गुरू का बयान

कोरोना वैक्सीन को लेकर तमाम अफवाहें और झूठ के विस्तार होने के बाद भी लेकिन आखिरी में हर जगह टीकाकरण अभियान शुरू हो गया। इस बाद अभी भी कई ऐसे लोग हैं जो वैक्सीन को न लगवाने की सलाह देते है।

Vidushi Mishra
Published on: 10 Feb 2021 5:34 AM GMT
वैक्सीन पर अजीब दावा: समलैंगिक हो जाएँगे लगवाने वाले, मुस्लिम गुरू का बयान
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कोरोना वैक्सीन को लेकर तमाम अफवाहें और झूठ विस्तार करने लगे, लेकिन आखिरी में हर जगह टीकाकरण अभियान शुरू हो गया। इस बाद अभी भी कई ऐसे लोग हैं जो वैक्सीन को न लगवाने की सलाह देते है।

नई दिल्ली: जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने फैलकर महामारी का रूप ले लिया था, तब से ही देश-दुनिया के कई डॉक्टरों व वैज्ञानिकों ने इस वायरस को खत्म करने के लिए वैक्सीन पर काम करना शुरू कर दिया था। पर वैक्सीन की स्टेज तक पहुंचना कोई आसान काम नहीं था। वहीं कई देशों के राष्ट्रपतियों और बड़े स्तर पर बैठे अधिकारियों ने वैक्सीन ना लगाने का माहौल बनाया। जिसके चलते लोगों में वैक्सीन को लेकर अजीब सा डर पैदा होने लगा।

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वैक्सीन से लोग समलैंगिक बन जाते

कोरोना वैक्सीन को लेकर तमाम अफवाहें और झूठ विस्तार करने लगे, लेकिन आखिरी में हर जगह टीकाकरण अभियान शुरू हो गया। इस बाद अभी भी कई ऐसे लोग हैं जो वैक्सीन को न लगवाने की सलाह देते है। और वैक्सीन के टीके को लेकर तरह-तरह के बयान पेश करते रहते हैं। ऐसे में ईरान के एक मुस्लिम धर्मगुरु ने दावा किया है कोविड-19 वैक्सीन से लोग समलैंगिक बन जाते हैं।

दरअसल आयतुल्लाह अब्बास तबरीजियन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के एप टेलीग्राम पर ये दावा किया। इस एप पर उनके दो लाख दस हजार फॉलोअर्स हैं। इस बारे में ऐप से सामने आई रिपोर्ट अनुसार, तबरीजियन ने लिखा कि उन लोगों के पास मत जाइए, जिन्होंने कोरोना का टीका लगवा लिया है, ऐसे लोग समलैंगिक बन गए हैं।

CORONA VACCINE फोटो-सोशल मीडिया

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दवाइयों पर कई तरह के दावे

ऐसे में बेहत प्रख्यात एलजीबीटीक्यू कैंपेनर पीटर टेशेल का कहना है कि यह बयान टीका और समलैंगिक समुदाय दोनों को नीचा दिखा रहा है। इस विवादित मौलवी ने पहले भी पश्चिमी दवाइयों पर कई तरह के दावे किए हुए हैं।

वहीं बीते साल जनवरी में, मुुस्लिम धर्मगुरु का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें वो एक अमेरिकी वैज्ञानिक की किताब जला रहे थे। तभी किताब को जलाते हुए मुस्लिम धर्मगुरु ने दावा किया कि इस्लामिक दवाइयों ने इस तरह की किताबों को अप्रांसगिक बना दिया है।

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Vidushi Mishra

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