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सड़कों पर लाशें ही लाशें: म्यांमार में सैकड़ों लोगों की मौत, तबाही अभी भी रूकी नहीं

म्यांमार में बीते महीने से ही सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सैंकड़ों की तादात में लोगों को मारा गया है। ऐसे में सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, आर्म्ड फोर्सेड डे के दिन 50 शहरों और कस्बों में प्रोटेस्ट कर रहे 169 प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं।

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Published on: 30 March 2021 11:47 AM IST
सड़कों पर लाशें ही लाशें: म्यांमार में सैकड़ों लोगों की मौत, तबाही अभी भी रूकी नहीं
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म्यांमार में आर्म्ड फोर्सेज डे' तमाम प्रदर्शनकारियों के लिए बहुत भयंकर और विनाशकारी साबित हुआ है। यहां बीते महीने से ही सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सैंकड़ों की तादात में लोगों को मारा गया है।

नई दिल्ली। म्यांमार में आर्म्ड फोर्सेज डे' तमाम प्रदर्शनकारियों के लिए बहुत भयंकर और विनाशकारी साबित हुआ है। यहां बीते महीने से ही सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सैंकड़ों की तादात में लोगों को मारा गया है। ऐसे में सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, आर्म्ड फोर्सेड डे के दिन 50 शहरों और कस्बों में प्रोटेस्ट कर रहे 169 प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं। आर्म्ड फोर्सेज डे के अवसर पर सेना की चेतावनी के बाद सड़कों पर कई प्रदर्शनकारी सामने आए थे। तभी इन प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसाने के बाद सैन्य प्रमुख मिन आंग लाइंग और उनके जनरलों ने रात में भव्य पार्टी भी की।

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विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला जारी

सामने आई रिपोर्ट्स से ये भी पता चला कि जब प्रदर्शनकारियों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था तो सेना ने उसमें भी दखल देने की कोशिश की और सेना ने ओपन फायरिंग के साथ ही ग्रेनेड्स भी फेंके थे। लेकिन इस दौरान किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। वहीं सेना के हिंसक एक्शन के बाद म्यांमार में प्रदर्शनकारियों का विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है।

फोटो-सोशल मीडिया

ऐसे में म्यांमार में मारे जाने वाले लोगों में एक 20 साल की नर्स भी शामिल है जो रेस्क्यू टीम के साथ काम कर रही थी। वहीं एक फुटबॉलर, डॉक्टर, महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली एक्टिविस्ट, एक बैंक कर्मचारी, हड़ताल पर चल रहा एक पुलिसवाला और एक टूर गाइड जैसे कई लोग हैं जिनके मारे जाने की पुष्टि की जा चुकी है।

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मेरा भाई इन प्रदर्शनों में शामिल हो सकता

इस बीच थिनजार हेन नाम की इस नर्स को सिर में गोली मारी गई थी। वो उस दौरान मोन्यवा शहर में बाकी घायल प्रदर्शनकारियों की मदद कर रही थीं। ऐसे में थिनजार की एक फुटेज भी वायरल हो रही है जिसमें वे मोन्यवा के लोगों के सामने स्पीच दे रही थीं और सरकारी कर्मचारियों को इस आंदोलन में शामिल होने के लिए रिक्वेस्ट कर रही थीं।

वहीं 21 साल के पुलिस अफसर चीट लिन भी प्रोटेस्ट में शामिल थे। 4 मार्च को लिन को शूट टू किल के ऑर्डर मिले थे लेकिन लिन ने ये कहकर अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था कि इन प्रदर्शनों में उसका भाई भी शामिल हो सकता है।

इस बारे में म्यांमार नाउ के पुलिस अधिकारी ने कहा था कि 'मेरा भाई इन प्रदर्शनों में शामिल हो सकता है। इन लोगों ने कुछ भी गलत नहीं किया है और मैं बेगुनाहों पर गोलियां नहीं चला सकता हूं।' लिन नौकरी छोड़ने के बाद इन प्रदर्शनों में शामिल हुए थे और शनिवार को सेना के हिंसक एक्शन में उनकी भी मौत हो चुकी है।

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