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टैंक तैनात सड़कों पर: सेना के जवान हर तरफ मौजूद, पकड़े जाने पर 20 साल की सजा
म्यांमार की सेना ने देश में तख्तापलट का विरोध करने वालों पर कड़ी चेतावनी दी है। प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी गई है कि उन्हें नए कानून के तहत 20 साल तक के लिए जेल में डाला जा सकता है।
नई दिल्ली: म्यांमार में उथल-पुथल मची हुई है। यहां की सेना ने देश में तख्तापलट का विरोध करने वालों पर कड़ी चेतावनी दी है। प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी गई है कि उन्हें नए कानून के तहत 20 साल तक के लिए जेल में डाला जा सकता है। यहां प्रदर्शनकारियों से कहा गया है कि अगर उन्होंने सुरक्षाबलों के काम में बाधा पहुंचाई या फिर सैन्य शासकों के खिलाफ नफरत भड़काने की कोशिश की, तो जेल और जुर्माने की सजा दी जा सकती है। वहीं म्यांमार की सेना ने 1 फरवरी को देश में तख्तापलट कर दिया था।
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सुरक्षाबलों की तरफ से गोलीबारी
ऐसे में सेना ने कहा है कि सुरक्षा बलों के काम में बाधा पहुंचाने पर 7 साल की जेल और जनता में डर पैदा करने या अस्थिरता लाने की कोशिश करने पर 3 साल तक की जेल हो सकती है। इसके साथ ही सेना के आदेश के बाद देश के बड़े हिस्से में रविवार से सोमवार के बीच इंटरनेट को बंद कर दिया गया। वहीं मिकिइना में सुरक्षाबलों की तरफ से गोलीबारी किए जाने की रिपोर्ट भी आई है।
बिगड़ते हालातों को देखते हुए म्यांमार के अहम शहर यांगोन में पहली बार सड़कों पर भी सेना को तैनात किया गया है। साथ ही नाय पयी तॉ शहर के एक डॉक्टर ने बताया कि सुरक्षा बल रात में घरों पर छापे मार रहे हैं।
फोटो-सोशल मीडिया
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सात नेताओं के खिलाफ अरेस्ट वारंट
आगे उन्होंने बताया कि रात 8 बजे से सुबह 4 बजे के बीच लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है। शनिवार को सेना द्वारा कहा गया था कि सात नेताओं के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किए गए हैं। सेना ने उस कानून को भी स्थगित कर दिया था जिसके तहत 24 घंटे से अधिक समय तक लोगों को हिरासत में रखने के लिए कोर्ट ऑर्डर हासिल करना जरूरी था।
सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार के कई प्रमुख शहरों में सेना सड़कों पर उतर आई है। इसी दौरान नियमों में बदलाव करते हुए प्रदर्शनकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। वहीं इन दिनों म्यांमार में रोज लाखों लोग अलग-अलग प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं और सेना की तरफ से तख्तापलट का विरोध कर रहे हैं।
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