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ट्रेन में नया स्लीपर कोच: बिना हाथ लगाए खुलेगें गेट, टॉयलेट रूम की झिकझिक खत्म

जानकारी के मुताबिक, नए सभी स्लीपर कोच की डिजाइनें भारतीय रेलवे के प्रोडक्शन यूनिट चेन्नई के इंट्रीगल कोच फैक्ट्री (Internal coach factory) और रायबरेली के मॉर्डन कोच फैक्ट्री (Modern Coach Factory) में बनाई जाएगी।

Chitra Singh
Published on: 15 Feb 2021 12:21 PM GMT
ट्रेन में नया स्लीपर कोच: बिना हाथ लगाए खुलेगें गेट, टॉयलेट रूम की झिकझिक खत्म
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ट्रेन में नया स्लीपर कोच: बिना हाथ लगाए खुलेगें गेट, टॉयलेट रूम की झिकझिक खत्म

नई दिल्ली: ट्रेन के स्लीपर कोच में गंदगी को लेकर लोग अक्सर शिकायत करते रहते हैं। इन्हीं शिकायतों को दूर करने के लिए भारतीय रेल मंत्रालय ने स्लीपर कोच का हुलिया बदलने के फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक, करीब 500 नये स्लीपर के कोच बनाए जाएंगे, जोकि पुराने कोचों के बिल्कुल अलग होगा। नए स्लीपर कोच का दरवाजा हाथों बल्कि बटन से खुलेगा। बताया जा रहा है कि ये नए कोच तेजस के डिजाइन के आधार पर बनाए जाएंगे।

कहां बनेगी नई कोच

आपको बता दें कि ट्रेनों की नई कोचों की तस्वीरे रेल मंत्रालय के मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया पर शेयर की है। जानकारी के मुताबिक, नए सभी स्लीपर कोच की डिजाइनें भारतीय रेलवे के प्रोडक्शन यूनिट चेन्नई के इंट्रीगल कोच फैक्ट्री (Internal coach factory) और रायबरेली के मॉर्डन कोच फैक्ट्री (Modern Coach Factory) में बनाई जाएगी। शुरूआती दौर में सरकार ने मॉर्डन टेक्नोलॉजी के बेस पर करीब 500 नए स्लीपर कोच तैयार करने का लक्ष्य रखा है।

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क्या है इन कोचों की खासियत

अगर बात करें नए स्लीपर कोचों की खासियत के बारे में, तो बता दें कि नए स्लीपर कोच के गेट ऑटोमेटिक होगें यानी स्टेशन से ट्रेन खुलने के बाद नए स्लीपर के कोच के गेट बंद हो जाएगे। वहीं जब तब ट्रेन स्टेशन पर रूकी होगी तब तक कोच के गेट बंद नहीं होगें। इस नए सिस्टम के कारण ट्रेनों में होने वाली घटनाओं पर लगाम लग जाएगी।

new sleeper coach

ऐसे होगा नए कोच का टॉयलेट रूम

पुराने स्लीपर कोच में सबसे ज्यादा शिकायते टॉयलेट रूम की होती है। इन शिकायतों को मद्देनजर रखते हुए नए स्लीपर कोच के टॉयलेट रूम को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि यात्री अपनी सीट से ही पता लगा पाएगे की टॉयलेट रूम खाली है या नहीं। साथ ही इस टॉयलेट रूम से जुड़ी सभी जानकारियां भी यात्री के पास बैठे-बैठे मिल जाएगी। इसके अलावा टॉयलेट रूम में टच लेंस फीटिंग और एंटी ग्रैफिटी कोटिंग की जाएगी। इस कोटिंग के कारण टॉयलेट की दीवारें गंदी नहीं होगी। वहीं टॉयलेट रूम के गेट पर ऐसी लाइट्स की व्यवस्था की जाएगी, जिससे टॉयलेट रूम के इस्तेमाल और खाली होने की जानकारी मिल सके।

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