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ट्रंप से परमाणु हमले का भी खतरा, अमेरिका की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने जताया डर
स्पीकर नैंसी पेलोसी को यह डर है कि ट्रंप अपनी सनक से किसी देश पर परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं। चीन और ईरान से ट्रंप की नाराजगी जाहिर है। ऐसे में पेलोसी ने अमेरिकी सेना के ज्वाइंट ऑफ स्टाफ के चेयरमैन मार्क मिले से मुलाकात की और इस बात पर चर्चा करते हुए सलाह दी की वो कोड की सुरक्षा पक्की करें।
अमेरिका : अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर बड़ी बात सामने आ रही है। अमेरिका की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने इस बात की आशंका जताई है कि ट्रंप अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए परमाणु हमला भी करवा सकते हैं। आपको बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति के पास ही परमाणु हमले के लिए कोड होता है। इसे एक बार लॉन्च करने के बाद सेना के चीफ भी उसे नहीं रोक सकते हैं।
परमाणु हमले के बाद बनाई यह पॉलिसी
हिरोशिमा नागासाकी पर परमाणु हमले के बाद एक पॉलिसी बनाई है। जिसमें परमाणु हमला किसी भी दूसरे देश के साथ सबसे एक्सट्रीम हालात में किया जाता है और इस परमाणु बम का फैसला कोई एक नहीं करता बल्कि सेना और सांसद मिलकर लेती है। आपको बता दें कि यह पॉलिसी हिरोशिमा नागासाकी पर अमेरिका हमले के बाद तैयार की गई थी। भारत ने भी इस पर दस्तखत कर रहे हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान परमाणु हमले का किया था फैसला
वैसे अब तक दुनिया में केवल एक बार ही परमाणु हमला हुआ है। आपको बता दें कि जापान के इस हमले का असर अब तक देखने को मिलता है। दूसरी ओर हमला करने वाले देश में तब भी परमाणु हमले का अधिकार राष्ट्रपति के पास था और अब भी यह बना हुआ है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने जापान के जुड़वा शहरों पर परमाणु हमले का फैसला किया था।
अमेरिका था जिम्मेदार जापान के इस परमाणु बम
मानव इतिहास में यह पहला परमाणु हमला था जो बहुत भयावह था। हालांकि इसके बाद से कई देशों ने खुद को परमाणु शक्ति संपन्न किया और तनाव बढ़ने पर दूसरे देशों को हमले की धमकी भी देते रहे लेकिन अब तक ऐसा हुआ नहीं है। इसकी वजह यह भी हो सकती है जापान के परमाणु हमले का अंजाम सबने देखा था। आपको बता दें कि इस हमले का जिम्मेदार अमेरिका था जिसकी वजह से घटना हुई।
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पेलोसी ने की अमेरिकी सेना के चेयरमैन से मुलाकात
स्पीकर नैंसी पेलोसी को यह डर है कि ट्रंप अपनी सनक से किसी देश पर परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं। चीन और ईरान से ट्रंप की नाराजगी जाहिर है। ऐसे में पेलोसी ने अमेरिकी सेना के ज्वाइंट ऑफ स्टाफ के चेयरमैन मार्क मिले से मुलाकात की और इस बात पर चर्चा करते हुए सलाह दी की वो कोड की सुरक्षा पक्की करें। हालांकि पेलोसी का यह प्रयास बेकार है क्योंकि कानून राष्ट्रपति को खुद ऐसा अधिकार देता है। इसके लिए राष्ट्रपति को किसी दूसरे सेकंड वोट की जरुरत नहीं पड़ती।
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