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भारत विरोध पर अलग-थलग पड़े ओली, पीएम को उनके ही विदेश मंत्री ने दी नसीहत

नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने प्रधानमंत्री का नाम लिए बिना कहा कि किसी को भी भारत और नेपाल के रिश्तो में कड़वाहट नहीं भूलनी चाहिए।

Aradhya Tripathi
Published on: 29 Jun 2020 9:59 PM IST
भारत विरोध पर अलग-थलग पड़े ओली, पीएम को उनके ही विदेश मंत्री ने दी नसीहत
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अंशुमान तिवारी

काठमांडू: नेपाल में भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने वाले प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली अब अपने ही देश में पूरी तरह अलग-थलग पड़ते जा रहे हैं। अब उनके अपने ही विदेश मंत्री ने उनके रुख के खिलाफ बयान दिया है। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने प्रधानमंत्री का नाम लिए बिना कहा कि किसी को भी भारत और नेपाल के रिश्तो में कड़वाहट नहीं भूलनी चाहिए। माना जा रहा है कि ग्यावली का इशारा हाल में नेपाल के प्रधानमंत्री की ओर से दिए गए बयानों की ओर है।

भारत पर साजिश रचने का ओली का आरोप

जानकारों का कहना है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के इशारे पर प्रधानमंत्री ओली भारत विरोध के रास्ते पर चल रहे हैं। एक दिन पहले ही उन्होंने आश्चर्यजनक बयान देते हुए अपनी नाकामियों का ठीकरा भारत पर फोड़ा था। उनका कहना था कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए नई दिल्ली और काठमांडू में तमाम लोग साजिशें रचने में जुटे हुए हैं।

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ओली ने हाल ही में भारतीय इलाकों को भी नेपाल के नक्शे में शामिल करके दोनों देशों के रिश्तो में खटास पैदा कर दी थी। इस नक्शे को नेपाल की संसद से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति ने भी इस पर दस्तखत भी कर दिए हैं। नेपाल के इस कदम के बाद दोनों देशों के रिश्तो में कटुता पैदा हुई है। हालांकि प्रधानमंत्री ओली के खिलाफ उनकी ही पार्टी में आवाज भी उठने लगी है।

बातचीत के जरिए सुलझाएंगे विवाद- विदेश मंत्री

इस बीच नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने कहा कि सीमा विवाद से भारत और नेपाल के रिश्तो के दूसरे आयामों पर असर नहीं पड़ना चाहिए। विदेश मंत्री ने एक बैठक के दौरान कहा कि सरकार भारत के साथ बहुआयामी रिश्तों को लेकर चिंतित है। हालांकि दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर विवाद पैदा हुआ है मगर हमारे रिश्तों में कड़वाहट नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते में सकारात्मकता लाने के लिए सभी को योगदान करना चाहिए और किसी को भी दोनों देशों के संबंधों में खटास नहीं पैदा करनी चाहिए।

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उन्होंने सभी से सकारात्मक रूप से द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाने की अपील की। विदेश मंत्री ने कहा कि हम भारत से संपर्क बनाए हुए हैं और विभिन्न मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने विवादित मुद्दों को सुलझाने की दिशा में कामयाबी की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से दोनों देशों के बीच पैदा हुए विभिन्न मुद्दों को सुलझाएंगे, लेकिन हमें भड़काऊ भाषा से दूर रहना चाहिए।

महत्वपूर्ण माना जा रहा है विदेश मंत्री का बयान

नेपाल के विदेश मंत्री का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक दिन पहले ही यह बात कही थी कि कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा को नेपाल के नक्शे में शामिल किए जाने के कारण भारत उनसे काफी नाराज है और उन्हें सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहा है। ओली के इस बयान से दोनों देशों के रिश्ते में और खटास पैदा हुई है।

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जानकारों का कहना है कि इस समय नेपाल में ओली विरोधी भावनाएं काफी मुखर हो रही हैं और अपने खिलाफ बन रहे माहौल को दबाने के लिए ही ओली में राष्ट्रीयता का मुद्दा उछाला है। वैसे यह कदम उठाने के बावजूद ओली की स्थिति मजबूत नहीं हो सकी है और उनकी ही पार्टी के दूसरे अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।



Aradhya Tripathi

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