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रेगिस्तानों में गरजेगी सेना: भारत की ताकत देख कांपेंगे चीन-पाक, ऐसा होगा माहौल

भारतीय वायुसेना का नया महाशक्तिशाली लड़ाकू विमान राफेल और पुराने फाइटर जेट्स आज से मतलब की 3 मार्च से सयुंक्त अरब अमीरात(UAE) के रेगिस्तानों में अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में ये आने वाले 24 दिनों तक अपनी गरजाहट से दुश्मनों को डराते रहेंगें।

Vidushi Mishra
Published on: 3 March 2021 1:45 PM GMT
रेगिस्तानों में गरजेगी सेना: भारत की ताकत देख कांपेंगे चीन-पाक, ऐसा होगा माहौल
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सयुंक्त अरब अमीरात(UAE) में शुरू हुए इस अभ्यास में भारत, अमेरिका, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण कोरिया, बहरीन और सऊदी अरब की वायुसेनाएं भाग ले रही हैं।

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना का नया महाशक्तिशाली लड़ाकू विमान राफेल और पुराने फाइटर जेट्स आज से मतलब की 3 मार्च से सयुंक्त अरब अमीरात(UAE) के रेगिस्तानों में अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में ये आने वाले 24 दिनों तक अपनी गरजाहट से दुश्मनों को डराते रहेंगें। रेगिस्तान में अपने युद्ध कौशल से विमानों द्वारा ये दिखाएयेंगे कि भारत की सेना किसी से कम नहीं है। इसे कम न आंके। जिसके चलते संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में डेजर्ट फ्लैग-6 (Desert Flag-6) वॉरफेयर अभ्यास शुरू हो गया है।

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अभ्यास में ये देश शामिल

सयुंक्त अरब अमीरात(UAE) में शुरू हुए इस अभ्यास में भारत, अमेरिका, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण कोरिया, बहरीन और सऊदी अरब की वायुसेनाएं भाग ले रही हैं। बता दें, इन देशों की सेना द्वारा किया जा रहा ये अभ्यास 27 मार्च तक चलेगा।

यूएई(UAE) के अल-दर्फा एयरबेस में चल रहे इस सैन्य युद्धाभ्यास में भारत का नया नवेला और घातक लड़ाकू विमान राफेल भी पहुंचा है। भारतीय वायुसेना के 6 सुखोई लड़ाकू विमान, दो C-17 ग्लोबमास्टर, एक IL-78 टैंकर और 150 एयरफोर्स ऑफिसर पहुंचे हैं।

Rafale fighter jets फोटो- सोशल मीडिया

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नकली हवाई युद्ध का माहौल

इसके साथ ही इस संयुक्त वायुसैनिक युद्धाभ्यास में सुखोई के अलावा फ्रांस से राफेल और अमेरिका से F-16 फाइटर जेट्स भी पहुंचे हैं। इस वॉरफेयर एक्सरसाइज में सभी देशों की वायुसेनाएं एक नकली हवाई युद्ध का माहौल बनाएंगी। फिर उसके बाद एक साथ इससे निपटने की कोशिश करेंगी। इससे सभी देशों की सेनाओं को नई तकनीक और रणनीति सीखने का मौका मिलेगा।

रेगिस्तान यानी डेजर्ट फ्लैग-6 (Desert Flag-6) वॉरफेयर एक्सरसाइज के जरिए इन सात देशों के बीच आपसी संबंध भी मजबूत होंगे। इसके साथ ही एक-दूसरे की रणनीतिक नीतियों के बारे में समझने का मौका मिलेगा। सेना के इस अभ्यास के जरिए सातों देशों को एक-दूसरे के ऑपरेशनल्स सिस्टम को परखने और समझने का अच्छा अवसर भी मिलेगा।

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Vidushi Mishra

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