मस्जिदों पर हमला करने वाले को उम्रकैद, 51 लोगों की ले ली थी जान

न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में पिछले साल दो मस्जिदों पर फायरिंग करके 51 लोगों की जान लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई ब्रेंटन टेरेंट को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

Newstrack
Published on: 27 Aug 2020 5:20 AM GMT
मस्जिदों पर हमला करने वाले को उम्रकैद, 51 लोगों की ले ली थी जान
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मस्जिदों पर हमला करने वाले को उम्रकैद, 51 लोगों की ले ली थी जान

क्राइस्टचर्च: न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में पिछले साल दो मस्जिदों पर फायरिंग करके 51 लोगों की जान लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई ब्रेंटन टेरेंट को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जज ने उसे पैरोल भी न देने का आदेश दिया है। पिछले साल 15 मार्च को हुई इस घटना में 40 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। ब्रेंटन ने दिल दहला देने वाले इस कत्लेआम की फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग भी की थी।

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ब्रेंटन को हमले का पछतावा नहीं

क्राइस्टचर्च हाईकोर्ट के जज कैमरून मेंडर ने सजा सुनाते हुए ब्रेंटन के अपराध को जघन्य बताया। उन्होंने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि किसी व्यक्ति के अंदर इतनी ज्यादा नफरत भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन को अपने किए पर कोई पछतावा भी नहीं है।

मेंडर ने ब्रेंटन से कहा कि तुम हमारे देश में सिर्फ कत्लेआम करने के लिए आए थे जबकि इस देश को इंसानियत के लिए जाना जाता है। ब्रेंटन को सजा सुनाए जाते समय उसका पूरा परिवार भी अदालत में मौजूद था।

मस्जिदों पर हमला करने वाले को उम्रकैद, 51 लोगों की ले ली थी जान

न्यूजीलैंड के इतिहास में पहली बार उम्रकैद

इस मामले की सुनवाई एक साल में पूरी की गई और मार्च में ब्रेंटन को दोषी ठहराया गया था। अब उसे उम्रकैद की सजा देने का एलान किया गया है। न्यूजीलैंड के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी आरोपी को बिना पैरोल के उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। ब्रेंटन ने अपने गुनाह पर किसी प्रकार का पछतावा न होने की बात कही थी जिसके बाद अदालत की ओर से उसे यह सख्त सजा सुनाई गई है।

दो मस्जिदों में किया था हमला

पिछले साल क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हुए इस हमले की खबर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियां बनी थी। इस हमले में 51 लोगों की मौत हो गई थी। ब्रेंटन पूरी तैयारी के साथ मस्जिद में पहुंचा था और उसका मकसद लोगों की हत्या करना ही था। वह ऑटोमेटिक राइफल और मैग्जीन के साथ क्राइस्टचर्च की एक मस्जिद में पहुंचा था और उसने पहुंचते ही फायरिंग शुरू कर दी थी।

पहली मस्जिद में फायरिंग के दौरान उसने 40 लोगों की जान ले ली थी। इसके बाद ब्रेंटन कुछ दूरी पर बनी दूसरी मस्जिद में पहुंचा और वहां पर भी ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी जिसमें 11 लोग मारे गए थे।

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ऑस्ट्रेलिया से न्यूजीलैंड आया था ब्रेंटन

ब्रेंटन 2017 में ऑस्ट्रेलिया से न्यूजीलैंड शिफ्ट हुआ था। उसने यहां पहुंचने के बाद किराए के मकान में अपना ठिकाना बनाया था और इस जघन्य हत्याकांड के लिए हथियार जुटाकर उसने मस्जिदों पर हमला किया। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जेसिडा अर्डर्न ने इस हमले को न्यूजीलैंड के इतिहास में सबसे काला दिन बताया था। दुनिया भर के नेताओं ने इस हमले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और इसकी कड़ी निंदा की थी।

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