TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

नेपाल में कोई पीएम पूरा नहीं कर पाया कार्यकाल, जानिए अब तक का इतिहास

नेपाल की राजनीति में जो कुछ हो रहा है उसका सबसे बड़ा कारण सत्ताधारी पार्टी में ज़बर्दस्त आंतरिक मतभेद है। कई वरिष्ठ नेता प्रधानमंत्री के और उनकी नीतियों के ख़िलाफ़ हैं।

Newstrack
Published on: 23 Dec 2020 1:29 PM IST
नेपाल में कोई पीएम पूरा नहीं कर पाया कार्यकाल, जानिए अब तक का इतिहास
X
नेपाल में कोई पीएम नहीं पूरा कर पाया कार्यकाल, जानिए अब तक का इतिहास (PC: social media)

काठमांडू: नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल का लंबा इतिहास रहा है और एक बार फिर यही स्थिति सामने आ गयी है। पिछले आम चुनावों के तीन साल बाद ही अब संसद को भंग कर दिया गया है और नए जनादेश के लिए 30 अप्रैल और दस मई को दो चरणों में चुनाव कराए जाने की घोषणा भी कर दी गयी है। नेपाल में दशकों की राजनीतिक उथल-पुथल के बाद तीन साल पहले यह पहला मौक़ा था जब देश में लोकतांत्रिक तरीक़े से चुनकर बहुमत वाली स्थायी सरकार आई थी। इस सरकार से लोगों की अपेक्षाएं जुड़ी हुई थीं लेकिन अब सब कुछ मिट्टी में मिल गया प्रतीत हो रहा है। सिर्फ अपनी पार्टी के कुछ असंतुष्ट लोगों से व्यक्तिगत रूप से अपनी सरकार बचाने के लिए ओली ने पूरे देश को संकट में डाल दिया है।

ये भी पढ़ें:चलती हुई फ्लाइट से अचानक उतरने लगे यात्री, फिर हुआ ऐसा, हर कोई हैरान

आन्तरिक मतभेद

नेपाल की राजनीति में जो कुछ हो रहा है उसका सबसे बड़ा कारण सत्ताधारी पार्टी में ज़बर्दस्त आंतरिक मतभेद है। कई वरिष्ठ नेता प्रधानमंत्री के और उनकी नीतियों के ख़िलाफ़ हैं। इसमें प्रचंड और माधव नेपाल प्रमुख हैं जिनको लगा है कि प्रधानमंत्री पार्टी से बिना सलाह-मशविरा किये बड़े फ़ैसले ले रहे हैं और कई ऐसे फ़ैसले भी ले रहे हैं जो असंवैधानिक हैं। इसमें हाल में प्रधानमंत्री का लाया गया वो अध्यादेश भी शामिल है जिसके तहत वो संसदीय समितियों को नियंत्रित करना चाहते हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री के खिलाफ़ जो कुछ भ्रष्टाचार के मामले सामने आए वो भी एक अहम वजह रही कि पार्टी विघटन की ओर बढ़ रही थी। इसी बीच पीएम ओली ने संसद भंग करने की सिफ़ारिश कर दी।

दो तिहाई बहुमत से बनी थी सरकार

तीन साल पहले केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में तत्कालीन सीपीएन (यूएमएल) और प्रचंड के नेतृत्व वाले सीपीएन (माओवादी) ने चुनावी गठबंधन बनाया था। इस गठबंधन को चुनावों में दो-तिहाई बहुमत मिला था। सरकार बनने के कुछ समय बाद ही दोनों दलों का विलय हो गया। लेकिन कुछ समय बाद ही गतिरोध सामने आने लगे जिसका ज़िक्र हाल में पीएम ओली ने अपने राष्ट्र संबोधन के दौरान भी किया। ओली पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को विकृतियां पैदा करने का ज़िम्मेदार बताते हैं तो वहीं पार्टी के सह अध्यक्ष 'प्रचंड', माधव कुमार नेपाल और झाला नाथ खनाल जैसे वरिष्ठ नेता काफी पहले से ओली पर पार्टी और सरकार को एकतरफ़ा चलाने का आरोप लगाते रहे हैं।

ये भी पढ़ें:बढ़ गया नगर निगम गोरखपुर का दायरा, अब संझाई समेत ये 32 गांव होंगे शहरी

कोई पीएम कार्यकाल पूरा नहीं कर सका

नेपाल में 10 साल तक चले गृहयुद्ध का अंत 2006 में एक शांति समझौते से हुआ था और इसके दो साल बाद नेपाल में संविधान सभा के चुनाव हुए जिसमें माओवादियों की जीत हुई। साथ ही, 240 साल पुरानी राजशाही का अंत हो गया। 2015 में एक संविधान को स्वीकृति मिल पाई। लेकिन नेपाल में लोकतंत्र बहाल तो हो गया पर उसमें लगातार अस्थिरता बनी रही। नेपाल में संसद बहाल होने के बाद से अब तक दस प्रधानमंत्री हुए हैं। किसी प्रधानमंत्री ने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।

रिपोर्ट- नीलमणि लाल

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story