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नए साल में महातबाही: यहां फटी धरती, जमींदोज हुए कई मकान, इतने लोग लापता

गेजरडम में हुए भूस्खलन को लेकर स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, 10 लोग घायल हो गए हैं। 20 से ज्यादा लोग लापता है। जिसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने 500 लोगों को शहर से सुरक्षित बाहर निकाला।

Shivani
Published on: 31 Dec 2020 9:39 AM IST
नए साल में महातबाही: यहां फटी धरती, जमींदोज हुए कई मकान, इतने लोग लापता
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नयी दिल्ली: तबाही का सिलसिला जारी है। नार्वे में भूस्खलन की वजह से कई मकान जमींदोज हो गए तो वहीं 20 से ज्यादा लोग इस दौरान लापता हो गए। बताया जा रहा है कि आपदा से बचाव के लिए लगभग 500 लोगों को जिस जगह भूस्खलन हुआ, वहां से सुरक्षित बाहर निकाला गया। हालांकि 10 लोग गंभीर घायल हो गए।

नार्वे के गेजरडम शहर में भूस्खलन

दरअसल, कोरोना संकट के बीच प्राकृतिक आपदाएं लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। इसी कड़ी में नर्वे जैसे देश में, जहां से कई बार तबाही की तस्वीरें सामने आ चुकी हैं, एक बार फिर खतरनाक संकट देखने को मिला। नार्वे की राजधानी ओस्लो के उत्तर में एक छोटे से शहर गेजरडम में बुधवार को भूस्खलन हो गया।

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कई मकान ढहे, 10 लोग गंभीर घायल

गेजरडम में हुए भूस्खलन को लेकर स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, 10 लोग घायल हो गए हैं। 20 से ज्यादा लोग लापता है। जिसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने 500 लोगों को शहर से सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं राजधानी ओस्लो से 25 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में पहाड़ के खिसक जाने से कई घर तबाह हो गए।

Norway landslide Houses buried in Gjerdrum mud 12 people still missing

20 से ज्यादा लोग लापता, पुलिस से सम्पर्क नहीं

हादसे के बारे में नार्वे पुलिस ने ट्वीट कर जानकारी दी कि भूस्खलन में कई घर चपेट में आ गए। नागरिकों की सुरक्षा के लिए सेना आपातकाल के समय में घरों को खाली कराने में जुटी हैं। वहीं जो 20 से ज्यादा लोग लापता है, उन्हें लेकर ये पता नहीं चल सका है कि वो लोग भूस्खलन क्षेत्र में फंसे हैं या छुट्टी पर कहीं गए हुए हैं। पुलिस का उनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा।

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500 लोगों को भूस्खलन क्षेत्र से बाहर निकाला

बताया जा रहा है कि भूस्खलन क्षेत्र का आकार करीब 210,000 वर्ग मीटर था। चीफ ऑफ ऑपरेशन रोजर पीटरसन ने कहा कि स्थिति बेहद गंभीर है। लोगों ने फोन पर बताया कि उनका पूरा घर ढह रहा है। इसके अलावा इस प्राकृतिक आपदा को लेकर नार्वे की प्रधानमंत्री एर्ना सोल्बर्ग ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में सहानुभूति जताते हुए लिखा, कि यह सब देखने के बाद दर्द महसूस होता है कि प्रकृति की ताकतों ने गेजरडम को कैसे तबाह कर दिया है। भूस्खलन जैसी प्राकृतिक घटनाएं हर किसी को प्रभावित करती हैं।

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