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अमेरिका-रूस में तकरार: हो सकता है परमाणु युद्ध, ट्रम्प देंगे ऐसे जवाब
रूस को टक्कर देने के लिए अमेरिका नए मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैयार कर रहा है। इस पर भड़के हुए रूस ने अमेरिका को एटमी युद्ध की चेतावनी दे डाली है।
नई दिल्ली: रूस को टक्कर देने के लिए अमेरिका नए मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैयार कर रहा है। इस पर भड़के हुए रूस ने अमेरिका को एटमी युद्ध की चेतावनी दे डाली है।
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रूस ने अमेरिका से कहा है कि अगर अमेरिका ने उसके या उसके मित्र दिशों की तरफ बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की तो रूस इसे परमाणु युद्ध की शुरुआत मान लेगा और बदले की कार्रवाई से नहीं रुकेगा। रूस के रक्षा मंत्रालय के अखबार क्रेसनया जवेदा में इस हवाले से खबर आई है।
हमले की कार्रवाई माना जाएगा
रूस के मिलिट्री जनरल एंड्रेई स्टर्लिन और कर्नल एलेक्जेंडर क्रीपिन ने एक संयुक्त बयान में कहा कि चूंकि बैलिस्टिक मिसाइल के बारे में ये कहा नहीं जा सकता कि वो परमाणु युद्ध के लिए तैयार किया गया है या फिर पारंपरिक हथियारों के लिए, लिहाजा ऐसे में रूस इसे परमाणु युद्ध की अमेरिकी कार्रवाई मानेगा और उसी मुताबिक काम करेगा। रूसी रक्षा मंत्रालय के अखबार ने कहा है कि अमेरिका की ओर से किसी भी हमले को इसी तरह से लिया जाएगा। इसके बाद रूसी सैन्य-राजनैतिक नेतृत्व मिलकर तय करेंगे कि जवाबी एक्शन कैसे लिया जाए।
अमेरिका की मिसाइल
अमेरिका ने रूस की एस-400 को टक्कर देने के लिए नए मिसाइल डिफेंस सिस्टम का टेस्ट शुरू कर दिया है। इस डिफेंस सिस्टम का नाम इंटीग्रेटेड एयर एंड मिसाइल डिफेंस बैटल कमांड सिस्टम है जिसका लिमिटेड यूजर टेस्ट न्यू मैक्सिको में व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज में किया जा रहा है। वैसे तनाव की सबसे बड़ी वजह अमेरिका के लगातार मिसाइल परीक्षण को माना जा रहा है। अमेरिका एक के बाद एक लंबी दूरी के नॉन न्यूक्लियर हथियार बना रहा है। पिछले साल के मध्य में अमेरिकी रक्षा विभाग ने घोषणा की थी कि उसने जमीन से दागी जाने वाली एक मिसाइल का परीक्षण किया है। इसपर भी रूस काफी भड़का था। अब इस साल दोबारा अमेरिकी मिसाइलों के परीक्षण पर रूस आक्रामक हो गया है।
राष्ट्रपति चुनाव और कोरोना
रूस और अमेरिका के बीच तनातनी की जड़ में अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव और कोरोना की वैक्सीन भी हो सकती है। दरअसल अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को डर है कि रूस नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव पर असर डाल सकता है। ऐसा ही शक साल 2016 में हुआ था, जब ट्रंप जीतकर आए थे। कहा जा रहा था कि ट्रंप को जिताने में रूसी रणनीतियां काफी काम आई थीं। अब अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इसे लेकर लगातार चेतावनी दे रही हैं इसलिए रूस भी भड़का हुआ लग रहा है।
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इसके अलावा रूस दुनिया को सबसे पहली वैक्सीन देने का दावा कर रहा है। 12 अगस्त को ही वो अपनी वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन करा लेगा और वैक्सीन दुनिया के खरीदार देशों के सामने आ जाएगी। वहीं अमेरिका को काफी तेजी से काम के बाद भी वैक्सीन लाने में दिसंबर तक का वक्त लग सकता है। ये बात भी अमेरिका को अखर रही है। रूस पर अमेरिका और ब्रिटेन से वैक्सीन की रिसर्च की जानकारी चुराने का भी आरोप है। अमेरिका ने रूस की वैक्सीन लेने से साफ मना कर दिया है। अमेरिकी संक्रामक रोग एक्सपर्ट एंथनी फाउसी का कहना है कि वे रूस और चीन दोनों से ही कोरोना की वैक्सीन नहीं लेंगे क्योंकि दोनों ही देशों ने इसे लेकर काफी अपारदर्शिता बरती।
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