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कर्ज में डूबा चीन: अब लगेगा तगड़ा झटका, निवेशकों की भी बढ़ी चिंता

चीन में कई बड़ी कंपनियां (SOEs) ना तो बॉन्ड भर पाई हैं और ना ही लोन चुका पाई हैं। अब इन कंपनियों के डिफॉल्ट होने के चलते कई बैंक और निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। 

Shreya
Published on: 27 Nov 2020 4:56 PM IST
कर्ज में डूबा चीन: अब लगेगा तगड़ा झटका, निवेशकों की भी बढ़ी चिंता
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साल 2021 में बढ़ सकती है चीनी डिफॉल्ट कंपनियों की संख्या

नई दिल्ली: चीन को जल्द ही एक तगड़ा झटका लग सकता है। इसके साथ ही कई बैंक और निवेशकों की भी चिंता बढ़ गई है। दरअसल, चीन में राज्य के स्वामित्व वाली कई बड़ी कंपनियां (SOEs) ना तो बॉन्ड भर पाई हैं और ना ही लोन चुका पाई हैं। अब इन कंपनियों के डिफॉल्ट होने के चलते कई बैंक और निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस दिक्कत की वजह से अन्य बाजार सहभागियों को विश्वास में लिया गया है। बता दें कि सरकार द्वारा समर्थित इन कंपनियों में Investors बहुत ही भरोसे से अपना पैसा निवेश करते हैं।

ये कंपनियां कर्ज चुकाने में रही नाकामयाब

चीन की जो कंपनियां बॉन्ड भरने और कर्ज चुकाने में नाकामयाब रही हैं, उनमें खनन कंपनी यॉन्गचेंग कोल एंड इलेक्ट्रिसिटी, हुआचेन ऑटोमेटिव ग्रुप और चिपमेकर कंपनी शिंगुआ यूनीग्रुप समेत कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं। वहीं अब इन कंपनियों से संंबंधित निवेशक अगले साल यानी 2021 के लिए चिंतित है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि अगले साल भी इन डिफॉल्ट कंपनियों की स्थिति सुधरते हुए नजर नहीं आ रही है।

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chinese companies (फाइल फोटो)

बाजार में अन्य कंपनियों को होगा इसका फायदा

वहीं इन सबको को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार द्वारा समर्थित इन बड़ी कंपनियों के डिफॉल्ट होने से मार्केट में अन्य छोटी- बड़ी कंपनियों को फायदा हो सकता है। क्योंकि इन कंपनियों के डिफॉल्ट होने से निवेशक इनमें अब पैसा निवेश करने से पीछे हट जाएंगे। हालांकि कंपनियों के डिफॉल्ट होने से पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ने के आसार हैं।

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चीन के अर्थव्यवस्था पर होगा बुरा असर

पीपुल बैंक ऑफ चाइना ने अपनी रिपोर्ट में चेताया है कि इन दिग्गज कंपनियों के डिफॉल्ट होने की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। वहीं कहा ये भी जा रहा है कि इन डिफॉल्ट कंपनियों (SOEs) की संख्या अगले साल 2021 में और भी ज्यादा बढ़ सकती है। वहीं अब इससे जुड़े निवेशक की चिंता और बढ़ गई है।

निवेशकों की बढ़ी चिंता

रेटिंग एजेंसी फिच ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि इन कंपनियों को फंडिंग के लिए चीन के सेंट्रल बैंक ने एक तटस्थ रुख अपनाया लिया है। एजेंसी का कहना है कि अगले साल सरकार फंडिंग के लिए और भी सख्त हो सकती है। जिससे निवेशक की चिंता और बढ़ सकती है।

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