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सत्ता बचाने के लिए केपी ओली का बड़ा फैसला, नेपाली सीमा पर किया ये बदलाव

भारत विरोधी फैसलों से नेपाल के पीएम केपी ओली शर्मा की सत्ता पर खतरा मंडराने लगा है। इस बीच अब नेपाली सीमा पर बड़ा बदलाव हुआ है।

Shivani
Published on: 7 July 2020 12:26 AM IST
सत्ता बचाने के लिए केपी ओली का बड़ा फैसला, नेपाली सीमा पर किया ये बदलाव
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नई दिल्ली: नेपाल और भारत के बीच मौन विवाद चल रहा है। हालाँकि नेपाली प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा भारत पर लगातार उनकी सरकार को गिराने की साजिश करने का आरोप लगाते आ रहे हैं। लेकिन विवादित नक्शा पास होने के बाद से ही उनकी सरकार खतरे में हैं। जिसे वे बचाने की हर संभव कोशिश में कर रहे हैं। ऐसे में उनको भी ये महसूस हो गया है कि भारत विरोधी फैसले नेपाल के लोग ही मंजूर नहीं कर रहे। इसी कड़ी में उन्होंने बड़ा कदम उठाया है।

पीएम केपी ओली शर्मा की सत्ता पर संकट

भारत विरोधी फैसलों से नेपाल के पीएम केपी ओली शर्मा की सत्ता पर खतरा मंडराने लगा है। नेपाल में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। निशाने पर आये ओली अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। इस बीच अब नेपाली सीमा पर बड़ा बदलाव हुआ है। नेपाल सशस्त्र प्रहरी (NSP) ने उत्तराखंड सीमा से दो चौकियां हटा दी।

नेपाली सेना ने उत्तराखंड सीमा में स्थापित 6 में से हटाईं 2 चौकियां

दरअसल, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला क्षेत्र में सीमा के पास नेपाल की 6 नई चौकियां स्थापित हैं, इनमें से अचानक आज 2 चौकियों को हटा लिया गया। नेपाल सरकार के इस फैसले को राजनीतिक संकट से जोड़कर देखा जा रहा है।

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दावा- कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा नेपाली क्षेत्र

बता दें कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला कस्बे से लिपुलेख दर्रा को जोड़ने वाले रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़क का भारत ने उद्घाटन किया था। जिसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हो गया। नेपाल ने इस तनाव के बीच उसी क्षेत्र में लगभग 6 महीने पहले 6 नई सीमा चौकियां स्थापित कर दी। उन्होंने दावा किया कि पिथौरागढ़ जिले के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा नेपाली क्षेत्र में आते हैं।

बुधवार को होगा ओली के भविष्य पर फैसला

वहीं इसी दावे को सही साबित करने के लिए हाल ही में तीन क्षेत्रों को दिखाते हुए एक नया विवादित नक्शा नेपाली संसद में पास करवा दिया। उसके बाद से केपी ओली शर्मा की सरकार खतरे में पड़ गयी। इस बाबत सोमवार को सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) की एक स्थायी समिति को ओली पर फैसला लेना था हालाँकि इसे बुधवार तक के लिए इसे टाल दिया गया।

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