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आतंकी हमले का खुलासा: पाक-ISIS के निशानें पर देश की सेना, फिर खूनी साजिश

पाकिस्तान हर बार आतंकवाद को लेकर पूरी दुनिया की आंखों में धूल झोकता आया है। वो कितना भी छुपा ले, लेकिन सच कभी किसी से छुप नहीं सकता है। ऐसे में पूर्व तालिबान कमांडर एहसानुल्लाह एहसान इसी साल पाकिस्तान की सेना के सेफहाउस से गायब हो गया था।

Newstrack
Published on: 6 Sept 2020 6:48 PM IST
आतंकी हमले का खुलासा: पाक-ISIS के निशानें पर देश की सेना, फिर खूनी साजिश
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पाकिस्तान हर बार आतंकवाद को लेकर पूरी दुनिया की आंखों में धूल झोकता आया है। वो कितना भी छुपा ले, लेकिन सच कभी किसी से छुप नहीं सकता है। ऐसे में पूर्व तालिबान कमांडर एहसानुल्लाह एहसान इसी साल पाकिस्तान की सेना के सेफहाउस से गायब हो गया था।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान हर बार आतंकवाद को लेकर पूरी दुनिया की आंखों में धूल झोकता आया है। वो कितना भी छुपा ले, लेकिन सच कभी किसी से छुप नहीं सकता है। ऐसे में पूर्व तालिबान कमांडर एहसानुल्लाह एहसान इसी साल पाकिस्तान की सेना के सेफहाउस से गायब हो गया था। उसने सच बताते हुए बताया कि कैसे पाकिस्तान की सेना और आईएसआई (ISI) ने भारत और अमेरिका की सेना को निशाना बनाने के लिए कई आतंकी संगठनों का सहारा लिया था।

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तालिबानी कमांडर एहसान ने बताया

सूत्रों से सामने आई एक रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व तालिबानी कमांडर एहसान ने बताया है कि कैसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने तालिबान से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की तरह कश्मीर में भारत के खिलाफ लड़ने की अपील की थी।

ऐसे में तालिबानी आतंकी एहसानुल्लाह साल 2012 में मलाला यूसुफजई पर हमले और 2014 में पेशावर में सैन्य स्कूल में जानलेवा हमले के लिए जिम्मेदार है। इस बारे में उसने बताया है कि साल 2011 में उत्तर वजीरिस्तान के मीरानशाह बाजार में एहसान के वॉकी-टॉकी पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के सीनियर नेता मौलाना वली-उर-रहमान महसूद के सेक्रटरी की कॉल आई।

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के सीनियर नेता ने एहसान से मिलने पर जोर दिया और फिर आधे घंटे में वहां आ पहुंचे और बताया कि वली मिलना चाहते है। साथ ही सेक्रटरी ने यह भी बताया कि एहसान से मिलने के लिए अमीर हकीमुल्लाह महसूद भी आने वाले हैं।

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इसके बाद मिलने के लिए जो जगह तय की गई थी, वहां पहुंचने से 5 मिनट पहले एहसान के पास हकीमुल्लाह के दायें हाथ लतीफ महसूद का फोन आया और बताया गया कि सुरक्षा कारणों से मिलने की जगह बदल दी गई है।

फिर बाद में जब मीटिंग हुई, तो एहसान को DG ISI जनरल शूजा पाशा का वली-उर-रहमान को लिखा पत्र दिखाया गया। इसमें शूजा ने TTP नेतृत्व को ऑफर दिया था कि अगर TTP पाकिस्तान के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष को खत्म कर देगा तो न सिर्फ ISI उन्हें अफगानिस्तान में NATO बलों से बचने में मदद करेगा बल्कि वित्तीय और सैन्य सपॉर्ट भी देगा।

terror फोटो-सोशल मीडिया

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पाकिस्तान के लिए अहम

शूजा ने TTP की क्षमता और ताकत की तारीफ भी की और उसे पाकिस्तान के लिए अहम बताया। शूजा ने लिखा था कि TTP और पाक सेना के बीच गलतफहमी खत्म कर साथ में काम करना चाहिए और अमेरिका और NATO को अफगानिस्तान से बाहर करना चाहिए।

इस पत्र में जनरल शूजा पाशा भारत अधिकृत कश्मीर के बारे में तमाम बाते लिखी। साथ ही उसने पत्र में लिखा था कि पाकिस्तान समर्थित संगठन (लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद) भारत के खिलाफ कश्मीर में लड़ रहे हैं। पाशा ने यह भी माना था कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद भी पाकिस्तान की सेना इन लोगों की मदद कर रही थी क्योंकि वे पाकिस्तान के लिए लड़ रहे हैं।

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