×

कुदरत के इस कहर से ही खत्म हो जाएगा पाकिस्तान, लगातार आ रहे झटके

पाकिस्तान में एक बार फिर से भूकंप ने दस्तक दी है। उत्तरपूर्वी पाकिस्तान में बृहस्पतिवार को भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया, इससे घबराकर लोग सड़कों पर आ गए।

Aditya Mishra
Published on: 9 Jun 2023 10:15 AM GMT
कुदरत के इस कहर से ही खत्म हो जाएगा पाकिस्तान, लगातार आ रहे झटके
X

इस्लामाबाद/ नई दिल्ली: पाकिस्तान में एक बार फिर से भूकंप ने दस्तक दी है। उत्तरपूर्वी पाकिस्तान में बृहस्पतिवार को भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया, इससे घबराकर लोग सड़कों पर आ गए।

इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.8 रही। भूकंप का केंद्र भारत-पाकिस्तान बॉर्डर रहा। जानकारी के मुताबिक गुरुवार दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर भूकंप आया था।

इससे पहले मंगलवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में भूकंप ने तबाही मचाई थी। इस कारण कई घर तबाह हो गए थे और 31 लोगों की मौत हो गई थी। तो आइये आज हम आपको बताते है भूकंप के हर पहलू के बारे में ताकि आप भी भूकंप से बचने के तरीके जानते रहे।

क्यों आता है भूकंप?

धरती की प्लेटों के टकराने से। हमें पृथ्वी की संरचना को समझना होगा। पूरी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे भूकंप कहते हैं।

लेकिन प्लेटें क्यों टकराती हैं ?

दरअसल ये प्लेंटे बेहद धीरे-धीरे घूमती रहती हैं। इस प्रकार ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती हैं। कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती हैं।

प्लेटें सतह से कितनी नीचे होते हैं ?

करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं। लेकिन यूरोप में कुछ स्थानों पर ये अपेक्षाकृत कम गहराई पर हैं।

भूंकप के केंद्र और तीव्रता का क्या मतलब है?

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है।

फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

भूकंप की गहराई से क्या मतलब है?

मतलब साफ है कि हलचल कितनी गहराई पर हुई है। भूकंप की गहराई जितनी ज्यादा होगी सतह पर उसकी तीव्रता उतनी ही कम महसूस होगी।

क्या भारत को भूकंप का सर्वाधिक खतरा है ?

इंडियन प्लेट हिमालय से लेकर अंटार्कटिक तक फैली है। यह पाकिस्तान बार्डर से सिर्फ टच करती है। यह हिमालय के दक्षिण में है। जबकि यूरेशियन प्लेट हिमालय के उत्तर में है। इंडियन प्लेट उत्तर-पूर्व दिशा में यूरेशियन प्लेट जिसमें चीन आदि बसे हैं कि तरफ बढ़ रही है। यदि ये प्लेट टकराती हैं तो भूकंप का केंद्र भारत में होगा।

भारत में कौन क्षेत्र भूकंप के हिसाब से ज्यादा खतरे में हैं?

भूंकप के खतरे के हिसाब से भारत को चार जोन में विभाजित किया गया है। जोन दो-दक्षिण भारतीय क्षेत्र जो सबसे कम खतरे वाले हैं। जोन तीन-मध्य भारत, जोन चार-दिल्ली समेत उत्तर भारत का तराई क्षेत्र, जोन पांच-हिमालय क्षेत्र और पूर्वोत्तर क्षेत्र तथा कच्छ। जोन पांच सबसे ज्यादा खतरे वाले हैं।

भूकंपीय माइक्रोजोनिंग क्या है?

देश में भूकंप माइक्रोजोनिंग का कार्य शुरू किया गया है। इसमें क्षेत्रवार जमीन की संरचना आदि के हिसाब से जोनों के भीतर भी क्षेत्रों को भूकंप के खतरों के हिसाब से तीन माइक्रोजोन में विभाजित किया जाता है। दिल्ली, बेंगलूर समेत कई शहरों की ऐसी माइक्रोजोनिंग हो चुकी है।

दिल्ली के तीन माइक्रोजोन कौन-कौन से हैं?

कम खतरे वाले क्षेत्र-दिल्ली रिज क्षेत्र, मध्यम खतरे वाले क्षेत्र-दक्षिण पश्चिम, उत्तर पश्चिम और पश्चिमी इलाका, ज्यादा खतरे वाले-उत्तर, उत्तर पूर्व, पूर्वी क्षेत्र।

भूकंप को नापने का पैमाना क्या है?

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

हल्के भूकंप कौन से माने जाते हैं?

रिक्टर स्केल पर 5 से कम तीव्रता वाले भूकंपों को हल्का माना जाता है। साल में करीब 6000 ऐसे भूकंप आते हैं। जबकि 2 या इससे कम तीव्रता वाले भूकंपों को रिकार्ड करना भी मुश्किल होता है तथा उनके झटके महसूस भी नहीं किए जाते हैं। ऐसे भूकंप साल में 8000 से भी ज्यादा आते हैं।

मध्यम और बड़े भूकंप कौन से होते हैं ?

रिक्टर स्केल पर 5-5.9 के भूकंप मध्यम दर्जे के होते हैं तथा प्रतिवर्ष 800 झटके लगते हैं। जबकि 6-6.9 तीव्रता के तक के भूकंप बड़े माने जाते हैं तथा साल में 120 बार आते हैं। 7-7.9 तीव्रता के भूकंप साल में 18 आते हैं। जबकि 8-8.9 तीव्रता के भूकंप साल में एक आ सकता है। इससे बड़े भूकंप 20 साल में एक बार आने की आशंका रहती है।

कौन से भूकंप खतरनाक होते हैं?

रिक्टर स्केल पर आमतौर पर 5 तक की तीव्रता वाले भूकंप खतरनाक नहीं होते हैं। लेकिन यह क्षेत्र की संरचना पर निर्भर करता है। यदि भूकंप का केंद्र नदी का तट पर हो और वहां भूकंपरोधी तकनीक के बगैर ऊंची इमारतें बनी हों तो 5 की तीव्रता वाला भूकंप भी खतरनाक हो सकता है।

भूकंप के खतरे से कैसे बच सकते हैं?

नए घरों को भूकंप रोधी बनाएं। जिस स्थान पर घर बना रहे हैं उसकी जांच करा लें कि वहां जमीन की संरचना भूकंप के लिहाज से मजबूत है या नहीं।

लेकिन पुराने घर का क्या करें, तोड़कर उसे भूकंपरोधी बनाएं?

नहीं, यदि घर पुराने हैं तो रेट्रोफिटिंग के जरिये उसे भूकंपरोधी बना सकते हैं। यह तकनीक उपलब्ध है। इसमें दीवारों को पास में जोड़ा जाता है।

क्या भूकंप रोधी भवन महंगे हैं?

यह जरूरी नहीं, जिस प्रकार पौष्टिक खाने के महंगा होना जरुरी नहीं है, उसी प्रकार भूकंप रोधी मकान भी महंगे नहीं होते हैं। भूकंप रोधी घरों को बनाने की तकनीक अलग है।

भूकंपरोधी भवनों के निर्माण के लिए देश के पास पर्याप्त इंजीनियर हैं?

नहीं हैं। भूकंप इंजीनियरिंग की पढ़ाई बहुत कम होती है। लेकिन ट्रेनिंग से मैनपावर तैयार की जा सकती है।

रेट्रोफिटिंग कितनी महंगी है?

यह भवन की स्थिति पर निर्भर करती है लेकिन भवन की कीमत के दस फीसदी से ज्यादा खर्च नहीं आता।

रेट्रोफिटिंग क्लिनिक क्या है?

एक ऐसा केंद्र जहां भवनों की जांच करने वाले और रेट्रोफिटिंग करने वाले विशेषज्ञ मौजूद हों।

यदि अचानक भूकंप आ जाए तो क्या करें?

घर से बाहर खुले में निकलें। घर में फंस गए हों तो बेड या मजबूत टेबल के अंदर छिप जाएं। घर के कोनों में खड़े हो सकते हैं। और कोई उपाय नहीं हो तो छत में भी जा सकते हैं।

क्या भूकंप की भविष्यवाणी संभव है?

नहीं, दुनिया में अभी वैज्ञानिक सफल नहीं हुए हैं। सिर्फ यह बताया जा सकता है कि कौन सा क्षेत्र भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है। शोध हो रहे हैं और उम्मीद की जानी चाहिए कि कभी इस दिशा में भी वैज्ञानिक सफल हों।

क्या छोटे भूकंप बड़े भूकंप के संकेत होते हैं?

ऐसा जरूरी नहीं। लेकिन कई बार पहले छोटे झटके लगते हैं और उसके बाद बड़े भूकंप आते हैं। दूसरे, कई बार पहले बड़ा भूकंप आता है फिर हल्के झटके लगते हैं। भूकंप आने के बाद अगले 24 घंटों तक भूकंप के झटके फिर लगने का खतरा रहता है।

भूकंप से होने वाली क्षति की भरपाई कैसे संभव है?

इसके लिए घर या अन्य संपत्ति का बीमा कराना चाहिए।

ये भी पढ़ें...अभी-अभी आया भूकंप, तेज झटकों से कांपा उत्तर भारत, पीओके में मच गई तबाही

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story