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चुनाव के बाद भारत के साथ फिर से बातचीत शुरू होने की आशा कर रहा पाक: सोहैल महमूद

उन्होंने कहा, ‘‘सतत बातचीत और योजनाबद्ध वार्ता दोनों देशों को पारस्परिक चिंताओं को समझने, लंबित विवादों का हल करने और क्षेत्र में टिकाऊ शांति, सुरक्षा तथा समृद्धि लाने में सक्षम बनाएगा।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत में पाकिस्तान के बारे में विमर्श की समीक्षा करने की जरूरत है।

Shivakant Shukla
Published on: 14 April 2019 10:25 PM IST
चुनाव के बाद भारत के साथ फिर से बातचीत शुरू होने की आशा कर रहा पाक: सोहैल महमूद
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नयी दिल्ली: पाकिस्तान के निवर्तमान उच्चायुक्त सोहैल महमूद ने कहा है कि उनका देश लोकसभा चुनाव के बाद भारत के साथ ‘‘फिर से बाचतीत शुरू होने’’ की आशा कर रहा है क्योंकि योजनाबद्ध वार्ताओं से दोनों देशों को पारस्परिक चिंताओं को समझने, लंबित विवादों का हल करने और क्षेत्र में टिकाऊ शांति तथा सुरक्षा कायम करने में मदद मिलेगी।

पाकिस्तान के अगले विदेश सचिव नियुक्त किए गए महमूद ने पीटीआई भाषा को दिए एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि भारत में पाकिस्तान के बारे में एक वस्तुनिष्ठ विमर्श की जरूरत है जो शांतिपूर्ण, सहयोगी और अच्छे पड़ोसी संबंधों को प्रोत्साहित कर सके।

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उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत में चुनाव होने के बाद फिर से बातचीत शुरू होने की आशा करते हैं। कूटनीति और वार्ता बहुत जरूरी हैं।’’ भारत में करीब 19 महीने तक पाकिस्तान का उच्चायुक्त रहने के बाद महमूद रविवार को इस्लामाबाद लौट गए। उनके मंगलवार को नया कार्यभार संभालने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में 26 फरवरी को एक आतंकी प्रशिक्षण ठिकाने पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हमले और इसके अगले ही दिन की गई पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के करीब छह हफ्ते बाद यह टिप्पणी आई है।

दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ जाने से युद्ध की आशंका पैदा हो गई थी और अमेरिका एवं चीन जैसे देशों ने परमाणु हथियारों से लैस दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में भूमिका निभाई थी। महमूद ने कहा कि कूटनीति और वार्ता दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध बेहतर करने के लिए अनिवार्य हैं तथा बातचीत पारस्परिक चिंताओं को समझने तथा क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एकमात्र विकल्प है।

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उन्होंने कहा, ‘‘सतत बातचीत और योजनाबद्ध वार्ता दोनों देशों को पारस्परिक चिंताओं को समझने, लंबित विवादों का हल करने और क्षेत्र में टिकाऊ शांति, सुरक्षा तथा समृद्धि लाने में सक्षम बनाएगा।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत में पाकिस्तान के बारे में विमर्श की समीक्षा करने की जरूरत है।

महमूद ने कहा कि पाकिस्तान को वस्तुनिष्ठ रूप से और कहीं अधिक पूर्ण तरीके से हकीकत के साथ बयां करने वाले विमर्श की जरूरत है। एक ऐसा विमर्श जो शांतिपूर्ण, सहयोगी और अच्छे पड़ोसी संबंधों के लिए अवसरों को मान्यता देने में भी मदद करे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अवश्य ही हमारे खुद के लिए एवं क्षेत्र के लिए टिकाऊ शांति, समान सुरक्षा और साझा समृद्धि के लिए काम करना चाहिए।’’ उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने तनाव घटाने की कोशिश के तहत दो हफ्ते पहले 360 भारतीय कैदियों को सदभावना के तहत रिहा करने की घोषणा की थी। उनमें से ज्यादातर लोग मछुआरे थे।

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पाकिस्तान में सालाना बैशाखी समारोह में भाग लेने के लिए भारत से 2,200 सिख श्रद्धालुओं को यहां स्थित पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा वीजा दिए जाने के बाद यह कदम उठाया गया। करतारपुर कॉरीडोर परियोजना के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि इस्लामाबाद अपनी ओर बुनियादी ढांचे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। पाक सरकार आशा करती है कि नवंबर 2019 से पहले इसके तौर तरीकों पर दोनों देश सहमत हो जाएंगे।

जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने घोषणा की थी कि वह पाकिस्तान के साथ तब तक वार्ता नहीं करेगा जब तक कि वह सीमा पार से आतंकवाद नहीं बंद कर देता।

(भाषा)



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Shivakant Shukla

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