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Paramjit Singh Panjwar: लाहौर में मारा गया 'खालिस्तान कमांडो फोर्स का चीफ परमजीत सिंह पंजवार, भारत में था वांटेड
Paramjit Singh Panjwar Shot Dead: अलगाववादी समूह 'खालिस्तान कमांडो फोर्स' के मुखिया परमजीत सिंह पंजवार की लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी। पंजवार भारत में लंबे समय से वांटेड था। उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का करीबी भी माना जाता था।
Paramjit Singh Panjwar Shot Dead : भारत का मोस्ट वांटेड ख़ालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़ की पाकिस्तान के लाहौर में शनिवार (06 मई) को हत्या कर दी गई। परमजीत पंजवड़ पाकिस्तान में नाम बदलकर रह रहा था। परमजीत पाकिस्तानी जमीन से भारत में ख़ालिस्तान समर्थित गतिविधियों को अंजाम देने में अहम भूमिका अदा करता था। खालिस्तानी कमांडो ( Khalistan Commando) पंजवाड़ को लाहौर में अज्ञात लोगों ने मौत के घाट उतार दिया।
पाकिस्तानी मीडिया से प्राप्त ख़बरों के अनुसार, अलगाववादी समूह 'खालिस्तान कमांडो फोर्स' (Khalistan Commando Force या KCF) के चीफ परमजीत सिंह पंजवार की शनिवार सुबह लाहौर के सनफ्लावर सोसाइटी जौहर टाउन में हत्या कर दी गई। परमजीत सिंह भारत में लंबे समय से वांटेड था। उस पर भारत में सिख उग्रवाद (Sikh insurgency) को बढ़ाने, हत्या तथा हथियारों की तस्करी को फिर से जिंदा करने समेत कई आरोप लगे हैं।
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परमजीत सिंह पंजवड़ (Paramjit Singh Panjwar) खालिस्तान कमांडो फोर्स यानी KCF का सरगना था। KCF एक आतंकी संगठन है। 90 के दशक से ही पंजवड़ पाकिस्तान में रह रहा था। उसे पाकिस्तानी खुफ़िया एजेंसी आईएसआई का भी करीबी बताया जाता रहा था। पाकिस्तान में उसने अपना नाम बदलकर मलिक सरदार सिंह कर लिया था। भारत विरोधी गतिविधियों में 90 के दशक से पहले भी वो सक्रिय था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, परमजीत 1986 में भागकर पाकिस्तान गया था। समय-समय पर वो ठिकाने बदलता रहता था। फिलहाल वो लाहौर में रह रहा था।
1999 में चंडीगढ़ ब्लास्ट में आया था नाम
भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, चंडीगढ़ में 30 जून 1999 को पासपोर्ट ऑफिस के पास बम धमाका हुआ था। उस ब्लास्ट को खालिस्तान कमांडो फोर्स के सरगना परमजीत सिंह पंजवड़ ने ही करवाया था। इस बम धमाके में 4 लोग जख्मी हो गए थे, जबकि कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा था। बम को स्कूटर की डिग्गी में छुपाकर रखा गया था। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 2020 में जिन 9 आतंकियों की लिस्ट जारी की थी, उसमें पंजवड़ का नाम भी शामिल था।