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पाकिस्तान में हाहाकार: सेना की सच्चाई आई सामने, मुहाजिर कार्यकर्ताओं में आक्रोश

पाकिस्तान में अ‌र्द्धसैनिक बल द्वारा MQM के एक कार्यकर्ता की बेरहमी से हत्या कर दी गई। पत्नी ने आरोप लगाया है कि चार साल पहले सुरक्षाबल ने उसे अवैध तरीके से हिरासत में ले लिया था।

Shreya
Published on: 7 Dec 2020 10:22 AM GMT
पाकिस्तान में हाहाकार: सेना की सच्चाई आई सामने, मुहाजिर कार्यकर्ताओं में आक्रोश
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पाकिस्तान में हाहाकार: सेना की सच्चाई आई सामने, मुहाजिर कार्यकर्ताओं में आक्रोश

इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में सेना की क्रूरता का एक और ताजा मामला सामने आया है। यहां पर अ‌र्द्धसैनिक बल द्वारा मुहाजिरों के प्रमुख संगठन मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के एक कार्यकर्ता की बेरहमी से हत्या कर दी गई और फिर उसके शव को फेंक दिया। अब कार्यकर्ता के परिजन ने आरोप लगाया है कि उसे बिना किसी गुनाह के सुरक्षा बल उसके पति को उठाकर लेते गए और उसे चार साल तक प्रताड़ित करते रहे।

अवैध तरीके से लिया गया था हिरासत में

मिली जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने एमएक्यूएम के कार्यकर्ता शाहिद कलीम को चार साल पहले नौ दिसंबर 2016 को कराची के लियाकताबाद से अवैध तौर पर हिरासत में ले लिया था। कहा जा रहा है कि सुरक्षा बलों ने कार्यकर्ता का अपहरण कर लिया था। जिसके बाद 35 वर्षीय शाहिद कलीम की पत्नी ने सुरक्षा बल के मुख्यालय से लेकर कोर्ट तक मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन कार्यकर्ता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।

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pakistan army killed worker (फोटो- सोशल मीडिया)

कलीम की पत्नी ने लगाया ये आरोप

अब चार साल बाद एमएक्यूएम के कार्यकर्ता का शव मिला है। कलीम की पत्नी ने आरोप लगाया है कि बिना किसी जुर्म के ही उसके पति को सुरक्षा बल उठा ले गए और उसे चार सालों तक यातना देते रहे। बाद में उसे मारकर फेंक दिया। कलीम की पत्नी ने बताया कि उसका शव पूरी तरह काला पड़ा हुआ था, उसे करंट देकर प्रताड़ित किया गया था।

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एमक्यूएम के संस्थापक ने की हत्या की निंदा

वहीं एमक्यूएम के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने कार्यकर्ता शाहिद कलीम की हत्या की निंदा की है। पार्टी के संयोजक तारिक जावेद ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार मुहाजिरों का पुलिस और सुरक्षा बल के माध्यम से नरसंहार करा रही है। अब तक इसी तरह से कई हजारों मुहाजिरों की हत्या कर दी गई है।

बता दें कि मुहाजिर 1947 में हुए बंटवारे के समय भारत से पाकिस्तान जाने वाले मुसलमान हैं। सिंध प्रांत में मुहाजिरों की 70 फीसदी आबादी है। अब तक इन्हें पाकिस्तान में बराबरी का दर्जा नहीं दिया गया है। पाकिस्तान में इन्हें नफरत की निगाह से देखा जाता है।

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