PM Modi US visit: मोदी की अमेरिका यात्रा से भारत और बाइडेन को बड़ी उम्मीद

PM Modi US visit: पीएम मोदी ने अमेरिका की कई यात्राएँ की हैं, लेकिन इस बार की यात्रा खास है। पूर्ण राजनयिक स्टेटस के साथ यह अमेरिका की उनकी पहली आधिकारिक राजकीय यात्रा होगी।

Neel Mani Lal
Published on: 20 Jun 2023 5:24 AM GMT (Updated on: 20 Jun 2023 8:58 AM GMT)
PM Modi US visit: मोदी की अमेरिका यात्रा से भारत और बाइडेन को बड़ी उम्मीद
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PM Modi US visit (फोटो: सोशल मीडिया )

PM Modi US visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा दोनों देशों द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने वाली है। इस यात्रा से एक नई मजबूत बॉन्डिंग होगी जो न केवल वैश्विक राजनीति बल्कि व्यापार और अर्थशास्त्र से भी जुड़ी हुई है। ग्लोबल राजनीति में चीन और रूस की भूमिका के मद्देनजर भारत - अमेरिका संबंध नए समीकरण बनाएंगे सो यह कोई नियमित यात्रा नहीं है, बल्कि भारत और अमेरिका के बीच एक बुनियादी मोड़ है। हालाँकि, पीएम मोदी ने अमेरिका की कई यात्राएँ की हैं, लेकिन इस बार की यात्रा खास है। पूर्ण राजनयिक स्टेटस के साथ यह अमेरिका की उनकी पहली आधिकारिक राजकीय यात्रा होगी। किसी भी भारतीय नेता द्वारा इस लेवल की यह तीसरी यात्रा होगी।

डिफेंस और टेक्नोलॉजी

पीएम मोदी की यात्रा के दौरान रक्षा उद्योग में गहन सहयोग और उच्च तकनीक साझा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस यात्रा से भारत को महत्वपूर्ण अमेरिकी प्रौद्योगिकियों तक पहुंच मिलने की उम्मीद है, जिसे अमेरिका शायद ही कभी गैर-सहयोगियों के साथ साझा करता है। अमेरिका और भारत के संबंध शीत युद्ध के दौरान आपसी संदेह से घिरे रहे थे लेकिन शीत युद्ध की गर्माहट कम होने के बाद बीते दो दशकों से अधिक समय से दोनों देश करीब आ रहे हैं।

सभी का समान समर्थन

अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने एक उभरती एशियाई अर्थव्यवस्था और क्षेत्रीय शक्ति के रूप में भारत के साथ मजबूत संबंधों के लिए समर्थन प्रदर्शित किया है। ये समर्थन रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स, दोनों दलों द्वारा समान रहा है।राष्ट्रपति जो बिडेन ने भी उसी विरासत और सहयोग को आगे बढ़ा रहे हैं। अमेरिका जानता है कि दुनिया भर में चीन के बढ़ते प्रभाव को पीछे धकेलने और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करने के उसके प्रयासों में भारत एक महत्वपूर्ण भागीदार है।

रूस से प्रतिस्पर्धा

अमेरिका चाहता है और उसकी पूरी कोशिश है कि भारत को उसके पारंपरिक रक्षा साझेदार रूस से दूर किया जाए है। अमेरिका और पूरे पश्चिमी जगत को ये नहीं सुहा रहा कि यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत ने रूस के साथ व्यापार करना जारी रखा है और सस्ते रूसी तेल की अपनी खरीद में बढ़ोतरी तक की है। इस क्रम को भी अमेरिका बदलना चाहता है।

भारत भी करीब पहुंचा

भले ही भारतीयों के लिए अमेरिका एक स्वप्निल डेस्टिनेशन रहा है लेकिन राजनीतिक तौर पर भारत पारंपरिक रूप से अमेरिका से दूर-दूर रहा है। लेकिन अब भारत ने अमेरिका के प्रति अपनी "हिचकिचाहट" को दूर कर लिया है। पीएम मोदी ने 2016 में अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए ये कहा भी था। भारत ने चीन के साथ सैन्य तनाव और बिगड़ते संबंधों के बीच पश्चिम की ओर देखा भी है।

सहयोग के क्षेत्र

पीएम मोदी की यात्रा के दौरान जिन प्रमुख घोषणाओं की उम्मीद की जा रही है, उनमें जनरल इलेक्ट्रिक को लड़ाकू विमानों के लिए भारत में इंजन बनाने की अमेरिका की मंजूरी, भारत द्वारा जनरल एटॉमिक्स द्वारा बनाए गए 3 अरब डॉलर मूल्य के 31 सशस्त्र एमक्यू-9बी सीगार्डियन ड्रोन की खरीद, और रक्षा व उच्च प्रौद्योगिकी में व्यापार की सुगमता में अमेरिकी बाधाओं को दूर करना शामिल है।

इसके अलावा सेमीकंडक्टर्स, साइबरस्पेस, एयरोस्पेस, सामरिक बुनियादी ढांचे और संचार, कमर्शियल अंतरिक्ष परियोजनाओं, क्वांटम कंप्यूटिंग, औद्योगिक और रक्षा क्षेत्रों में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंसके उपयोग पर भी चर्चा की जाएगी।

यात्रा कुछ ऐसी होगी

पीएम मोदी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा 21 जून को न्यूयॉर्क में शुरू होगी।

- राष्ट्रपति बिडेन द्वारा मोदी के सम्मान में राजकीय रात्रिभोज और एक निजी पारिवारिक रात्रिभोज की मेजबानी की जाएगी।

- पीएम मोदी, उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ दोपहर के भोजन में भाग लेंगे।

- पीएम मोदी नौ साल में दूसरी बार अमे7 कांग्रेस के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे।

- पीएम मोदी अमेरिकी सीईओ से भी मिलेंगे और संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे।

Neel Mani Lal

Neel Mani Lal

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