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कोरोना का खौफ: घरों में वेंटिलेटर खरीद कर रख रहे यहाँ के लोग

कोरोना महामारी फैलने के साथ ही दुनियाभर से ऐसी भी खबरें आने लगी थीं कि लोग घरेलू इस्तेमाल की चीजों का स्टॉक भर रहे हैं। अब रूस से एक चौंकाने वाली खबर आई है

Aradhya Tripathi
Published on: 25 March 2020 12:05 PM IST
कोरोना का खौफ: घरों में वेंटिलेटर खरीद कर रख रहे यहाँ के लोग
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पूरी दुनिया में कोरोना का खौफ लगातार जारी है। हर देश इससे बचने के लिए तमाम तरीके अपना रहा है। कोरोना महामारी फैलने के साथ दुनियाभर से ये भी खबरें आने लगी थीं कि लोग घरेलू इस्तेमाल की चीजों का स्टॉक भर रहे हैं। दुनियाभर से ऐसी तस्वीरें आईं जिनमें स्टोर खाली दिखाई दे रहे थे। अब रूस के मॉस्को टाइम्स अखबार में एक ऐसी खबर प्रकाशित हुई है जो दिल दहला देने वाली है।

अमीर लोग खरीद रहे वेंटिलेटर

मॉस्को टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस में रईस लोग कोरोना के डर से वेंटिलेटर खरीद रहे हैं। रूस की सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में करीब 43 हजार वेंटिलेटर मौजूद हैं। ऐसे में अमीर लोगों को ये डर सताने लगा है कि अगर वो भी बीमार हुए और वेंटिलेटर नहीं मिल पाया तो क्या होगा?

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डर की एक और वजह ये भी है कि रूस में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज सरकारी अस्पतालों में ही हो रहा है। रईस लोगों के बीच ये भी उलझन है कि उन्हें संक्रमित होने की स्थिति में सरकारी अस्पतालों में आम लोगों के साथ इलाज कराना पड़ेगा। अगर उनके पास खुद का वेंटिलेटर होगा तो वो बीमार पड़ने की स्थिति में अपने घर में ही इलाज करवा सकेंगे।

पूरे इलाज की व्यवस्था करा रहे लोग

मॉस्को टाइम्स की इन्वेस्टिगेशन में ये सामने आया है कि रईस लोग अपने घर में सिर्फ वेंटिलेटर ही नहीं बल्कि इलाज की पूरी व्यवस्था करवा रहे हैं। जिससे देश में कोरोना की स्थिति और भयावह होने की स्थिति में उन्हें इलाज के दौरान किसी तरह की तकलीफ का सामना न करना पड़े।

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रिपोर्ट में रूस के बेहद रईस परिवार के व्यक्ति के साथ बातचीत में यह खुलासा भी किया कि एक वेंटिलेटर खरीदा गया है और अभी दूसरे के लिए बात चल रही है।

रूस में अभी तक 495 कन्फर्म केस

गौरतलब है कि जब कोरोना के मरीजों की तबीयत ज्यादा खराब होती है और उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगती है तब वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ती है। दुनियाभर में इस समय कोरोना वायरस की वजह से वेंटिलेटर की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने स्वीकार किया है कि उनके पास वेंटिलेटर की संख्या कम पड़ सकती है।

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यही कारण है कि अब ज्यादातर देशों ने दूसरे देशों को वेंटिलेटर बेचना बंद कर दिया है। पहले वो अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं। हालांकि रूस में अभी अन्य देशों की तुलना में मरीजों की संख्या कम है। यहां अभी तक 495 कंफर्म केस आए हैं।



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Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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