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अमेरिका-चीन में कभी भी छिड़ सकता है युद्ध, अब रूस ने किया ये बड़ा ऐलान
अमेरिका और चीन के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। दोनों देशों के बीच युद्ध का खतरा बढ़ गया है। अब इस बीच रूस ने बड़ा फैसला लेते हुए सैनिकों की तैनाती बढ़ाने का ऐलान किया है।
लखनऊ: अमेरिका और चीन के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। दोनों देशों के बीच युद्ध का खतरा बढ़ गया है। अब इस बीच रूस ने बड़ा फैसला लेते हुए सैनिकों की तैनाती बढ़ाने का ऐलान किया है। रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने कहा है कि रूस क्षेत्र में बढ़ते तनाव को देखते हुए सुदूर पूर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है।
जानकारों का कहना है कि पूर्वी चीन सागर में स्थित रूस के नेवल बेस व्लादिवोस्तोक पर रूसी सेना का जमावड़ा बढ़ेगा। इस बेस के माध्यम से रूस प्रशांत महासागर, पूर्वी चीन सागर, फिलीपीन की खाड़ी के क्षेत्रों में अपनी सैन्य गतिविधियों को अंजाम देता है।
रूसी रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के मुकाबिक, सर्गेई शोइगू का कहना है कि पूर्वी क्षेत्र में तनाव बढ़ने की वजह से सैनिकों की तैनाती बढ़ाई जा रही है, लेकिन उन्होंने अपने बयान में किसी भी देश का नाम नहीं लिया।
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रूस के रक्षा मंत्री ने यह भी नहीं बताया कि नए खतरें क्या हैं और पूर्व में इन सैनिकों की कहां पर तैनाती होगी। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि चीन से लगी सीमा और प्रशांत महासागर क्षेत्र में बढ़ते तनाव से रूस की चिंता बढ़ गई है। इसलिए वह अपने हितों की सुरक्षा के लिए सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है।
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विवादित क्षेत्र में रूस का ये है इरादा
मॉस्को के कार्नेगी सेंटर के विश्लेषक अलेक्जेंडर गब्यूव का कहना है कि रूस यह सुनिश्चित करना चाहता है कि टकराव क्षेत्रों में उसके पास पर्याप्त सैन्य क्षमताएं हों। पूरी संभावना है कि आने वाले दिनों में अमेरिका और चीन के बीच नौसैनिक टकराव हो सकता है। रूस कभी भी रक्षाहीन होकर पूरे मामले में मूकदर्शक नहीं बना रह सकता है। उसे भी इस क्षेत्र में अपनी वायुसेना, थल सेना और नौसेना की ताकत में इजाफा करना होगा।
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एक तीर से दो शिकार कर रहा रूस
पूर्वी क्षेत्र में सैनिकों की तैनाती बढ़ाकर रूस एक तीर से दो शिकार कर रहा है। एक तरफ वह अपने पारंपरिक दुश्मन अमेरिका को सीधा संदेश दे रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ व्लादिवोस्तोक शहर पर चीन के किए दावों को लेकर भी अपनी सख्ती दिखा रहा है। इस क्षेत्र में जापान की मदद लेकर अमेरिका अपनी सैन्य उपस्थिति को लगातार मजबूत करने में लगा है। उसके जंगी जहाज साउथ चाइना सी और ईस्ट चाइना सी का चक्कर काट रहे हैं। इसलिए चीन और रूस दोनों देश सतर्क हैं।
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