TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

रूस कर रहा ये खतरनाक काम, मच सकती है तबाही, दुनियाभर में फैली दहशत

50 हजार साल पुराना एक लेमिंग (चूहे जैसा जीव) है। यह पूरा शोध वेक्‍टर स्‍टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वॉरोलॉजी एंड बॉयोटेक्‍नालॉजी की देखरेख में किया जा रहा है। इस सेंटर की स्‍थापना कोल्‍ड वार के दौरान हुई थी। इस सेंटर को उस दौरान जैविक हथियार बनाने के लिए किया गया था।

Dharmendra kumar
Published on: 19 Feb 2021 9:55 AM IST
रूस कर रहा ये खतरनाक काम, मच सकती है तबाही, दुनियाभर में फैली दहशत
X
रूसी वैज्ञानिकों ने साइबेरिया के बर्फ में दबे हुए कई अवशेष पाए हैं। अब वैज्ञानिक इन्हीं अवशेषों में मौजूद वायरस पर रिसर्च करने जा रहे हैं।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महासंकट के बीच रूस ऐसा खतरनाक काम कर हा है जिसने दुनियाभर के वैज्ञानिकों की नींद उड़ा दी है। रूस 50 हजार साल पुराने (प्रागैतिहासिक काल) पशुओं के जीवाश्‍म से वायरस निकाल रहा है। दरअसल में बीते कुछ सालों में रूसी वैज्ञानिकों ने साइबेरिया के बर्फ में दबे हुए कई अवशेष पाए हैं। अब वैज्ञानिक इन्हीं अवशेषों में मौजूद वायरस पर रिसर्च करने जा रहे हैं।

जैविक तत्व निकाल रहे वैज्ञानिक

यह काम रूस के जैविक हथियार बनाने वाले रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक कर रहे हैं और वह जैविक तत्व निकाल रहे हैं। रूस के वैज्ञानिक कुत्ते, घोड़े, चूहे और अन्य जानवरों के जीवाश्म की स्टडी करेंगे। बताया जा रहा है कि जानवर के अवशेष की उम्र 50 हजार साल है।

50 हजार साल पुराना एक लेमिंग (चूहे जैसा जीव) है। यह पूरा शोध वेक्‍टर स्‍टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वॉरोलॉजी एंड बॉयोटेक्‍नालॉजी की देखरेख में किया जा रहा है। इस सेंटर की स्‍थापना कोल्‍ड वार के दौरान हुई थी। इस सेंटर को उस दौरान जैविक हथियार बनाने के लिए किया गया था।

ये भी पढ़ें...चीनी जवानों की मौत: भारतीय सेना ने लद्दाख में बिछाई लाशें, ड्रैगन ने जारी किये नाम

Russia

प्राचीन जीवाश्‍मों से 50 नमूने इकट्ठा किए

साइबेरिया के नोवोसिबिरक्‍स के पास यह रिसर्च सेंटर स्थित है। स्‍पूतनिक वी के बाद रूस के वैज्ञानिक यहीं पर दूसरी कोरोना वायरस वैक्‍सीन बना रहा है। रूसी वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे ठंडे शहर याकुतस्‍क के मैमथ म्‍यूजियम से प्राचीन जीवाश्‍मों से 50 नमूने इकट्ठा किए हैं। रूसी वैज्ञानिकों का यह शोध अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर हो रहे प्राचीन जीवों के क्‍लोन तैयार करने के अभियान से बिल्कुल अलग है।

ये भी पढ़ें...अंतरिक्ष पर कामयाबीः NASA का रोवर पहुंचा मंगल पर, करेगा इन चीजों पर खोज

रूसी रिसर्च सेंटर की वैज्ञानिक डॉक्‍टर ओलेस्‍या ओखलोपकोवा का कहना है कि वह palaeo-viruses निकालने की कोशिश कर रही है। उन्होंने बताया कि ऐसा इलसिए किया जा रहा है कि रूस में अब palaeo वॉयरोलॉजी की शुरुआत हो सके। इसका उद्देश्य वायरस के विकास का अध्‍ययन करना है। लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसे प्राचीन वायरस पर शोध करने से रहस्‍यमय बीमारियों के संक्रमण का खतरा पैदा होगा।

ये भी पढ़ें...बॉर्डर पर उड़े 500 टैंकर: आग से मची भयानक तबाही, देख कांप उठा हर कोई

रूस के इस कदम से मच सकती है तबाही

गौरतलब है कि पूरी दुनिया कोरोना महामारी की मार झेल रही है। अब वैज्ञानिकों को डर सता रहा है कि रूस की कदम से कोई और नया वायरस पैदा हो सकता है जो पूरी दुनिया में तबाही मचा दे। रूस का यह कदम खतरनाक हो सकता है।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story