रूस से डरे देश: बना दिया ऐसा इंटरनेट सिस्टम, क्या करेगा अमेरिका

रूस ने एक वैकल्पिक इंटरनेट सिस्टम तैयार किया है, जिसने लोगों को हैरान करके रख दिया। वहीं इस वैकल्पिक इंटरनेट सिस्टम का प्रयोग भी पूरी तरह से सफल रहा।

Shreya
Published on: 26 Dec 2019 9:52 AM GMT
रूस से डरे देश: बना दिया ऐसा इंटरनेट सिस्टम, क्या करेगा अमेरिका
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मॉस्को: रूस ने एक वैकल्पिक इंटरनेट सिस्टम तैयार किया है, जिसने लोगों को हैरान करके रख दिया। वहीं इस वैकल्पिक इंटरनेट सिस्टम का प्रयोग भी पूरी तरह से सफल रहा। सोमवार को जब लोगों को इस इंटरनेट सिस्टम के बारे में पता लगा तो वो दंग रह गए। लोगों ने अपने इंटरनेट सिस्टम के इस्तेमाल के दौरान कोई बदलाव या बाधा नहीं महसूस किया। वो बिना किसी बाधा के अपना इंटरनेट इस्तेमाल करते रहे।

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अमेरिका समेत कई देशों ने की आलोचना

बता दें कि, रूस पिछले तीन सालों इसी प्रयास में लगा था कि अगर उसका संबंध वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) से टूट जाता है या फिर अमेरिकी की दखलअंदाजी में बढ़ोत्तरी होती है तो वह देश के लोगों को जोड़ने के लिए अपने इंटरनेट सिस्टम का इस्तेमाल कर सकता है। वहीं अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों ने रुस के इस प्रयोग की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि इस प्रयोग से इंटरनेट ब्रेकअप होगा। बता दें कि, रुस से पहले ईरान और चीन ऐसी कोशिश कर चुके हैं।

इसलिए उठाया ये कदम...

रूस के उप संचार मंत्री एलेक्सी सोकोलोव का कहना है कि, हमने नवंबर में पारित किए गए "संप्रभु इंटरनेट" बिल के तहत ही यह प्रयोग किया है। रुस ने यह कदम अमेरिकी राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति की आक्रामक प्रकृति को देखते हुए उठाया है।

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सोकोलोव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, कानून के अनुसार, सरकारी संस्थानों और सुरक्षा सेवाओं के साथ-साथ सभी संचार ऑपरेटर्स (Communication operators), मैसेंजर्स और ई-मेल प्रोवाइडर्स को परीक्षणों में हिस्सा लेना था। जो कि रेग्युलर इंटरनेट उपयोगकर्ताओं (Regular internet users) को प्रभावित नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि, हमारा लक्ष्य था कि, रुस के लोगों को किसी भी परिस्थिति में बिना किसी रूकावट के इंटरनेट सेवा (Internet service) मिल सके।

गौरतलब है कि इंटरनेट पर किसी भी सरकार का नियंत्रण नहीं है। किसी भी सरकार, व्यक्ति, कंपनी या संस्था का इंटरनेट पर अधिकार नहीं होता। लेकिन कुछ एजेंसी सलाह देकर और मानक निर्धारित कर इसको कम करने में मदद करती है। दुनियाभर में करीब साढ़े चार (4.5) सौ करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं।

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