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सऊदी की ये महिला आजाद: जेल में हुआ शोषण, रेप की मिली धमकियां
चर्चित पॉलिटिकल एक्टिविस्ट लोजैन-अल-हथलाउल आखिर कार जेल से बाहर आ गई हैं। लोजैन पिछले तीन साल से जेल की सलाखों के पीछे थी।
सऊदी अरब: चर्चित पॉलिटिकल एक्टिविस्ट लोजैन-अल-हथलाउल आखिर कार जेल से बाहर आ गई हैं। लोजैन पिछले तीन साल से जेल की सलाखों के पीछे थी। लोजैन को सऊदी में महिलाओं के गाड़ी के चलाने के हक में आवाज उठाने के लिए साल 2018 में गिरफ्तार किया गया था और पिछले साल आतंक निरोधी कोर्ट ने उन्हें 6 साल जेल की सजा सुनाई थी। फिलहाल वह 1001 दिनों बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया है।
ट्रैवल पर लगा बैन
हालांकि, वह पूरी तरह से आज़ाद नहीं हुई है साथ ही वह 5 सालों तक ट्रैवल नहीं कर सकती। लौजेन की बहन लीना जो पिछले कई सालों से उनके साथ लगातार संघर्ष करत रही हैं, उन्होंने ट्वीट कर कहा- लौजेन घर आ चुकी हैं लेकिन वे अब भी आजाद नहीं हैं। अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। सभी राजनीतिक कैदियों की आजादी के बिना मुझे खुशी नहीं मिलेगी।
दबाव में मिली रिहाई ?
खबरों की माने तो लोजैन की रिहाई के पीछे इंटरनेशनल दबाव का भी हाथ बताया जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने लोजैन को दी गई सजा को 'न्याय विरुद्ध' बताया और मानवाधिकारों के साथ खड़े होने की बात कही थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन लोजैन की रिहाई पर खुशी भी जाहिर कर चुके हैं।
क्राउन प्रिंस मोहम्मद
वही सऊदी अरब में साल 2018 में महिलाओं की ड्राइविंग से बैन हटा दिया था। कहा जाता है कि इसके जरिए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने खुद को बदलाव का पक्षधर दिखाने की कोशिश की लेकिन इसके साथ ही उन महिला कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया जो बदलाव की मांग कर रहे थे। लोजैन पर आरोप लगे कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं और देश के राजनीतिक सिस्टम को नाकाम करने की कोशिश कर रही हैं।
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जेल में शोषण और टॉर्चर करने की कोशिश
बता दें, कि जेल के हालातों को देखते हुए लोजैन ने कुछ महिला एक्टिविस्ट्स के साथ भूख हड़ताल भी की थी। लोजैन ने कहा था कि उन्हें जांच के दौरान मास्क लगाये लोगों ने यौन शोषण और टॉर्चर करने की कोशिश की। साथ ही इन महिलाओं का कहना था कि इन्हें इलेक्ट्रिक शॉक दिया गया बेंत मारी गई, रेप और जान से मारने की धमकियां दी गईं।
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