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भारत की जीत! सऊदी की बुलाई मुस्लिम देशों की बैठक में पाकिस्तान को तगड़ा झटका

स्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की अगली बैठक में सदस्य देशों के सांसद हिस्सा ले सकते हैं न कि विदेश मंत्री। पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी रिपोर्ट आई थी कि विदेश मंत्रियों के स्तर पर हीओआईसी की बैठक होगी लेकिन मिली जानकारी के अनुसार इसमें सदस्य देशों के सांसद ही हिस्सा लेंगे।

SK Gautam
Published on: 30 Dec 2019 12:05 PM GMT
भारत की जीत! सऊदी की बुलाई मुस्लिम देशों की बैठक में पाकिस्तान को तगड़ा झटका
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नई दिल्ली: अगर पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ओआईसी की बैठक में शामिल नहीं किए जाते हैं तो कश्मीर के खिलाफ पाकिस्तानी प्रोपगैंडा की धार कुंद पड़ने की संभावना है। भारतीय विदेश मंत्रालय की यह बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। बता दें कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कश्मीर मुद्दा जोर-शोर से उठाते रहे हैं।

बता दें कि इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की अगली बैठक में सदस्य देशों के सांसद हिस्सा ले सकते हैं न कि विदेश मंत्री। पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी रिपोर्ट आई थी कि विदेश मंत्रियों के स्तर पर हीओआईसी की बैठक होगी लेकिन मिली जानकारी के अनुसार इसमें सदस्य देशों के सांसद ही हिस्सा लेंगे।

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सऊदी के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल कर चुके हैं इस्लामाबाद का दौरा

ओआईसी की अगली बैठक अप्रैल 2020 में होनी है जिसमें कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। इसकी तारीख तय होना बाकी है। हालांकि यह बैठक सऊदी अरब में नहीं होगी, जैसा कि पहले बताया गया था। अब इसके इस्लामाबाद में आयोजित होने की संभावना है। सऊदी के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल-सऊद और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के बीच हुई मुलाकात में इस पर फैसला होना बताया जा रहा है।

सऊदी के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल अभी हाल में इस्लामाबाद दौरे पर गए थे। बता दें, ओआईसी 57 देशों का संगठन है जिसकी बैठक में अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की जाती है।

अनुच्छेद 370, नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का मुद्दा उठाया

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बारे में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा, बैठक में शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया जाना, नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का मुद्दा उठाया। कुरैशी ने 'भारत में अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को निशाना बनाए जाने' की भी बात कही। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया कि 'दोनों विदेश मंत्रियों ने कश्मीर के मसले में ओआईसी की क्या भूमिका हो सकती है, इस पर भी बात की।'

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मलेशिया में आयोजित ओआईसी की बैठक से दूरी बनाई जिसमें ईरान शामिल हुआ था

बता दें, पाकिस्तान शुरू से सऊदी अरब के साथ अपनी बैठकों में कश्मीर मुद्दा मजबूती से उठाता रहा है। उसने सऊदी अरब को खुश करने के लिए मलेशिया में आयोजित ओआईसी की बैठक से दूरी बनाई जिसमें ईरान शामिल हुआ था। जबकि मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद भारत के खिलाफ जाते हुए कई मुद्दों पर पाकिस्तान के समर्थन में उतरते रहे हैं। इसके बावजूद रियाध के इशारे पर पाकिस्तान ने खुद को मलेशिया में हुई ओआईसी की बैठक से अलग कर लिया।

सऊदी अरब ने मलेशिया में ओआईसी की बैठक का बहिष्कार किया और पाकिस्तान को अपने खेमे में लाने में सफल रहा था। पाकिस्तान ने भी ओआईसी में कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए इसका भरपूर इस्तेमाल किया। इसके तहत 22 दिसंबर को ओआईसी ने भारत में अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर "चिंता" जाहिर करते हुए एक बयान जारी किया था।

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