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अंतरिक्ष में बुद्धिमान एलियन: वैज्ञानिकों को मिले पक्के सबूत, खोजे ऐसे सिग्नल

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने किसी बुद्धिमान एलियन सभ्यता द्वारा भेजे गए करोड़ों सिग्नल खोजे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये सिग्नल अंतरिक्ष की गहराइयों से सीधे धरती की ओर आ रहे हैं।

Shreya
Published on: 23 Nov 2020 12:09 PM GMT
अंतरिक्ष में बुद्धिमान एलियन: वैज्ञानिकों को मिले पक्के सबूत, खोजे ऐसे सिग्नल
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अमेरिकी वैज्ञानिकों को मिले बुद्धिमान एलियन सभ्यता के होने के पक्के सबूत

नई दिल्ली: आपने अक्सर एलियन के दिखने की खबर पढ़ी या सुनी होगी। अब अमेरिकी वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में बुद्धिमान एलियन (Intelligent Alien Civilization) सभ्यता के होने के पक्के सबूत मिले हैं। दरअसल, वैज्ञानिकों ने किसी बुद्धिमान एलियन सभ्यता द्वारा भेजे गए करोड़ों सिग्नल खोजे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये सिग्नल स्पेस से आ रहे हैं। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एलियन सभ्यता द्वारा मिले सिग्नल को टेक्नोसिग्नेचर (Technosignature) नाम दिया है।

SETI के जरिए खोजी जा रहीं टेक्नोसिग्नेचर

ये एक खास तरह की रेडियो वेवलेंथ हैं जो SETI यानी सर्च फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस के जरिए खोजी जा रही हैं। लॉस एंजिल्स स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के अंतरिक्ष विज्ञानी जीन लुक मार्गोट ने बताया कि हमें कई प्रकाश वर्ष दूर मौजूद सभ्यताओं से आ रही रेडियो वेवलेंथ से टेक्नोसिग्नेचर खोजने में सफलता हासिल हुई है। उन्होंने बताया कि हमारे पास अतंरिक्ष में मौजूद बुद्धिमान एलियन सभ्यता से सिग्नल तो आ रहे हैं, लेकिन हम उन्हें डिकोड नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें सही से कैच करने और डीकोड करने के लिए और ताकतवर टेक्नोलॉजी की आवश्यकता है।

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alien (सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)

रेडियो टेलीस्कोप के माध्यम से करोड़ों सिग्नल मिलें

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंतरिक्ष विज्ञानी जीन लुक मार्गोट और उनकी टीम ने ग्रीन बैंक रेडियो टेलीस्कोप के माध्यम से करोड़ों सिग्नल खोजे हैं, जो कि अंतरिक्ष की गहराइयों से सीधे धरती की ओर आ रहे हैं। वैज्ञानिकों को इन टेक्नोसिग्नेचर्स में भुनभुनाहट, घंटियों के बजने जैसी आवाजें सुनाई दीं। इन आवाजों को एंथ्रोपोजेनिक रेडियो नॉयस कहा जाता है। जिसे साधारण भाषा में रेडियो फ्रिक्वेंसी इंटरफेस (RFI) भी कहते हैं। बता दें कि इसी इंटरफेस के जरिए नैविगेशन टेक्नोलॉजी, मोबाइल फोन, सैटेलाइट, एयरक्राफ्ट, जहाज की संचार प्रणाली स्थापित होती है।

आरएफआई के चलते वैज्ञानिकों को आ रही परेशानी

वर्तमान में इंटरफेस इतना ज्यादा हो गया है किक इसमें से एक को चुनना बेहद कठिन है। जीन लुक मार्गोट ने बताया कि हमारा टेलीस्कोप प्रति घंटे करोड़ो से लेकर अरबों सिग्नल को पकड़ रहा है, लेकिन आरएफआई के चलते परेशानी आ रही है। उन्होंने बताया कि हमें मिल रहे अरबों सिग्नलों में से कौन से सिग्नल अंतरिक्ष से आए हैं, उन्हें पहचानना मुश्किल होता है। लेकिन हमारी टेक्नोलॉजी खुद ही 99.8 फीसदी सिग्नलों को क्लासिफाई कर देती है।

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वैज्ञानिकों ने 2.66 करोड़ सिग्नलों की गहनता से जांच करने के दौरान पाया कि इनमें से 2.65 करोड़ सिग्नल अंतरिक्ष की गहराइयों से सीधे धरती की ओर आ रहे हैं। इसके बाद 2.65 करोड़ सिग्नलों की बारिकी से जांच कर 43,020 ऐसे सिग्नलों को पकड़ा, जिनके बारे में वैज्ञानिकों को पता नहीं है। वहीं अन्य सिग्नलों कोक या तो उन्होंने सुना हुआ है या फिर उनके दस्तावेज पहले से ही मौजूद हैं।

वैज्ञानिक कर रहे इस बात की जांच

वहीं 43,020 सिग्नल को फिर से वेरिफाई करने पर पता चला कि इनमें से 4539 सिग्नल बेहद खास हैं। अब वैज्ञानिक इन 4539 टेक्नोसिग्नेचर सिग्नलों की गहनता से अध्ययन कर रहे हैं और यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि अंतरिक्ष के किस कोने से एंथ्रोपोजिनक सिग्नेचर आ रहे हैं और क्या इसे एलियन सभ्यता द्वारा भेजा जा रहा है।

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