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वैज्ञानिकों ने खोज लिया कोरोना का राज, चीन ने ऐसे बनाया ये खतरनाक वायरस

रिपोर्ट में यह भी दावा है कि चीनी अधिकारियों ने इस महामारी को पहले से पहचान लिया था। कोविड-19 के मामले तेजी से इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि यह वायरस एक व्यक्ति के शरीर में दाखिल होने के बाद दूसरे व्यक्ति में फैल रहा है।

Ashiki
Published on: 19 March 2020 6:06 AM GMT
वैज्ञानिकों ने खोज लिया कोरोना का राज, चीन ने ऐसे बनाया ये खतरनाक वायरस
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नई दिल्ली: चीन के बुहान निकला कोरोना वायरस अब दुनिया भर में फ़ैल चुका है। लगातार लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। कितनों को अपनी जान तक गवानी पड़ी। कोरोना की वजह से जितना लोग खौफ में उतना ही लोगों में गुस्सा भी है। लोगों का कहना है कीं चीन की उलजुलूल हरकतों की वजह से कोरोना की उत्पत्ति हुई है, जिसका परिणाम पूरी दुनिया को भुगतना पड़ रहा है। इस बीच अमेरिका के स्क्रिप्स शोध संस्थान सहित अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों ने शोध में बताया है कि ऐसा साक्ष्य नहीं मिलता कि वायरस को कृत्रिम रूप से बनाया गया।

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चीन को पहले ही इस महामारी का पता चल गया था-

साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी दावा है कि चीनी अधिकारियों ने इस महामारी को पहले से पहचान लिया था। कोविड-19 के मामले तेजी से इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि यह वायरस एक व्यक्ति के शरीर में दाखिल होने के बाद दूसरे व्यक्ति में फैल रहा है। वायरस स्पाइक प्रोटीन पैदा करता है, उसे हुक जैसा उपयोग करके मानव कोशिकाओं को किसी कोल्ड ड्रिंक की केन की तरह खोलकर उनमें दाखिल हो रहा है।

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ऐसे विकसित हुए ये स्पाइक्स-

विशेषज्ञों का कहना है कि इन स्पाइक प्रोटीन को किसी प्रयोगशाला में जेनेटिक इंजीनियरिंग से विकसित करना असंभव है। यह विज्ञान के लोकप्रिय प्राकृतिक चयन के सिद्धांत के जरिए विकसित हुए हैं। यह अब तक ज्ञात किसी भी वायरस की संरचना से अलग है।

पहले अफवाह उड़ रही थी कि कोरोना वायरस चीन की किसी प्रयोगशाला से लीक होकर लोगों में पहुंचा। लेकिन इस शोध के बाद अब इन अफवाहों पर विराम लग चुका है। वैज्ञानिकों ने महामारी के शुरुआती चरण में कहा था कि यह वायरस चमगादड़ या पेंगोलिन को खाने से किसी एक चीनी नागरिक में पहुंचा और वहां से दूसरे मनुष्य संक्रमित होते चले गए। लेकिन वायरस बनने के दो अनुमान लगाए जा रहे हैं।

1- जीव से बनने के बाद मानव में आया-

यह वायरस किसी जीव में प्राकृतिक के जरिए विकसित हुआ और फिर मनुष्यों में आया। इसके पहले जो कोरोना फैला था वो वायरस ‘सार्स’ सीवेट और ‘मर्स’ ऊंट से आए थे। वर्तमान वायरस को चमगादड़ से उपजा माना जा रहा है क्योंकि यह उनमें मिलने वाले वायरस से मिलता-जुलता है।

1- यह मानव में ही विकसित हुआ-

ऐसा इसलिए माना जा रहा है कि इससे मिलता जुलता वायरस पेंगोलिन जीव में होता है। इंसान इन जानवरों को खाता रहा है। उनसे वायरस मानव में आता रहा। धीरे-धीरे प्राकृतिक चयन सिद्धांत के जरिए इसने स्पाइक प्रोटीन बनाना सीखा और मानव कोशिकाओं में पहुंचने की क्षमता हासिल की।

बता दें कि जानलेवा कोरोना वायरस चीन से निकल कर अब दुनिया भर में पैर पसार चुका है। इस भयावह बीमारी से दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका भी नहीं बच पाया। कोरोना वायरस साया अब अमेरिका के हर राज्य में पहुंच गया है। बीते दिनों तक अमेरिका के 49 राज्य इसकी चपेट में थे। वेस्ट वर्जीनिया में इसका अभी तक इसका प्रकोप देखने को नहीं मिला था। लेकिन अब यहां लाईलाज कोरोना पहुंच चुका है। इसके साथ ही अमेरिका में अब कोरोना की वजह से मरने वालों की संख्या 110 के पार हो गई है।

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