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पीएम खुद करेंगे मरीजों का इलाज, इस देश में हुई डॉक्टरों की कमी
आयरलैंड के प्रधानमंत्री लिओ वरडकर ने फैसला किया है कि वे डॉक्टर के रूप में भी अपनी सेवाएं देंगे। यह फैसला उन्होंने इसलिए लिया कि आयरलैंड के प्रधानमंत्री वरडकर राजनीति में आने से पहले डॉक्टर के रूप में काम कर चुके हैं।
नई दिल्ली: कोरोना से पूरा विश्व भयंकर महामारी के चपेट में है, मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। तमाम देश कोरोना से लड़ने के किये अलग-अलग फैसले ले रहे हैं। दूसरी तरफ आयरलैंड के प्रधानमंत्री लिओ वरडकर ने फैसला किया है कि वे डॉक्टर के रूप में भी अपनी सेवाएं देंगे। यह फैसला उन्होंने इसलिए लिया कि आयरलैंड के प्रधानमंत्री वरडकर राजनीति में आने से पहले डॉक्टर के रूप में काम कर चुके हैं।
पिता भारतीय डॉक्टर थे
बता दें कि प्रधानमंत्री वरडकर सात सालों तक जनरल प्रैक्टिशनर के तौर पर काम किया है। उन्होंने 2013 में मेडिकल प्रोफेशन छोड़ दिया था और 2014 में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री भी बनाया गया था। दिलचस्प बात ये है कि 41 साल के पीएम वरडकर डॉक्टर के परिवार से आते हैं। उनके पिता भारतीय डॉक्टर थे, जबकि मां आयरलैंड की नर्स थीं।
एक समाचारपत्र के मुताबिक, कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बाद पीएम ने दोबारा अपना मेडिकल रजिस्ट्रेशन कराया है। पीएम अपने क्वालिफिकेशन के मुताबिक, हफ्ते में कुछ शिफ्ट करेंगे। वे डॉक्टरों की ओर से फोन पर दी जाने वाली सर्विस में हिस्सा ले सकते हैं।
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दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने की अपील
आयरलैंड के प्रधानमंत्री का दोबारा डॉक्टर के रूप में काम करने का फैसला ऐसे वक्त में आया है जब आयरलैंड के हेल्थ सर्विस एग्जेक्यूटिव (HSE) ने पूर्व स्वास्थ्य कर्मियों से दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने की अपील की है।
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सोमवार सुबह तक दुनियाभर में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 1,274,000 से अधिक हो गई है। वहीं भारत में कोरोना मरीजों की संख्या 4067 पहुंच गई है। भारत में मरने वालों का आंकड़ा 109 हो गया है।