गांजे से भागेगा कोरोना: अमेरिकी यूनिवर्सिटी का दावा, जल्द भागेगी महामारी

कोरोना के गंभीर मरीजों में एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम ARDS की समस्या काफी आम है। इसी वजह से कई मरीजों की मौत भी हो जाती है। वहीं, अमेरिकी स्टडी में सबसे पहले ये पता लगाने की कोशिश की गई थी कि क्या THC इम्यून रेस्पॉन्स को रोक सकता है।

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Published on: 6 Oct 2020 1:00 PM GMT
गांजे से भागेगा कोरोना: अमेरिकी यूनिवर्सिटी का दावा, जल्द भागेगी महामारी
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गांजे से भागेगा कोरोना: अमेरिकी यूनिवर्सिटी का दावा, जल्द भागेगी महामारी

नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना की महामारी फैली हुई है। लोग इलाज के लिए वैक्सीन का इंतज़ार कर रहे हैं। कोरोना के इलाज के लिए कई तरह के नुस्खे और तरकीब सामने आ रहे हैं। इस बीच कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों का इलाज गांजे से करने का दावा पेश किया गया है। एक नई स्टडी में ये दावा किया गया है कि अमेरिका की साउथ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने चूहों के ऊपर गांजे की तीन स्टडी की है।

गांजे में मौजूद टीएचसी पदार्थ से कोरोना का इलाज

हालांकि, निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए अभी और रिसर्च की जरूरत है और वैज्ञानिकों ने कहा है कि वे लोगों को खुद से गांजे के सेवन के लिए प्रोत्साहित नहीं कर रहे। ऐसा करने पर लोगों की बीमारी बढ़ भी सकती है। लेकिन अमेरिकी रिसर्च में ये पाया गया कि गांजे में मौजूद टीएचसी Tetrahydrocannabinol) पदार्थ से कोरोना मरीजों का इलाज हो सकता है। असल में THC लोगों को खतरनाक इम्यून रेस्पॉन्स से बचा सकता है जिसकी वजह से अक्सर मरीज एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) के शिकार हो जाते हैं।

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गंभीर मरीजों में एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम की समस्या आम

एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के गंभीर मरीजों में एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम ARDS की समस्या काफी आम है। इसी वजह से कई मरीजों की मौत भी हो जाती है। वहीं, अमेरिकी स्टडी में सबसे पहले ये पता लगाने की कोशिश की गई थी कि क्या THC इम्यून रेस्पॉन्स को रोक सकता है।

Treatment of corona with marijuana-2

अमेरिकी यूनिवर्सिटी की तीनों स्टडी में कई दर्जन प्रयोग

अमेरिकी यूनिवर्सिटी की तीनों स्टडी में कई दर्जन प्रयोग किए गए। पहले चूहों को एक टॉक्सिन दिया गया और इसके बाद THC दिया गया। देखा गया कि जिन चूहों को THC दिया गया, उनकी जान बच गई, लेकिन उन चूहों की मौत हो गई जिन्हें सिर्फ टॉक्सिन दिया गया था।

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और रिसर्च किए जाने की जरूरत

हालांकि रिसर्चर्स ने चेतावनी भी दी है कि अभी इस विषय पर और रिसर्च किए जाने की जरूरत है और वे लोगों को गांजे के सेवन के लिए प्रोत्साहित नहीं कर रहे हैं। लेकिन रिसर्चर्स अब गांजे का ह्यूमन ट्रायल शुरू करने की योजना बना रहे हैं। बता दें कि अमेरिका के कुछ राज्यों में गांजे का सेवन कानूनी रूप से वैध है।

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